Saturday, 25 November 2023

बेटी नहीं, सर का ताज (beti nahin sar ka taaj )

मात-पिता के सुर में सुर,
हम कब तक मिलाएंगे,
हम एक प्यारा संसार बसाएंगे,
*     *      *       *        *


मात-पिता अपनी बेटी को प्यार करते हुए
बेटी नहीं, सर का ताज (beti nahin sar ka taaj )




हम दोनों रहेंगे इस खुले आसमान के नीचे,
मात-पिता छुट जाएंगे हम से बहुत पीछे,
एक प्यारा-सा हमारा घर होगा,
ना मात-पिता का कोई डर होगा,
वो कभी हाँ में सर नहीं हिलाएंगे,
जब तक सुनेंगे हम उनकी,
हम-तुम एक ना हो पाएंगे ,
ये बात तुम मेरी मान लो,
मेरा दामन तुम आज से थाम लो,
हम जिएंगे एक दुजे का सहारा बनकर,
खुशियां रहेंगी दामन में हमारे एक सितारा बनकर,
मात-पिता की सहमती, विवाह और फेरे,
इन सब को हम छोड़ जाएंगे पीछे,
इन सब के बिना हम होंगे तेरे,
हम दोनों मिलकर अपने सपनों का ,
एक अलग संसार बनाएंगे,
हम कब तक मिलाएंगे,
तुम अगर हो साथ मेरे,
हम एक प्यारा संसार बसाएंगे,
*    *      *       *      *
मैं सिर्फ एक बेटी नहीं हूँ,
अपने माता-पिता के सर का ताज हूँ,
मेरी नज़रों में जितना उनका सम्मान कल था,
उससे बढ़कर सम्मान आज है,
मैं अपने माता-पिता का हूँ एक सपना सलोना,
मुझमें बसते हैं प्राण मेरे माता-पिता के,
मैं नहीं हूँ खेलने का कोई बाजारी खिलोना,
मैं हूँ एक बेटी शयानी,
मेरे अंदर हैं संस्कार हिंदूसतानी,
मुझ पर वारते हैं मात-पिता जान अपनी,
वो मुझको मानते घर की शान अपनी,
मैंने जब से होश संभाला है,
मात-पिता ने अपने जीवन का,
एक-एक पल मेरे नाम लिख डाला है,
मैंने खाई है सौगंध राम की,
अपने माता-पिता के नाम की,
मेरी वजह से उनकी आँखों में,
कभी आंसू नहीं आएंगे,
मात-पिता के सुर में सुर,
हम कब तक मिलाएंगे,
तुम अगर हो साथ मेरे,
हम एक प्यारा संसार बसाएंगे,
*     *       *       *      *
मात-पिता से प्यारा संसार में,
कोई और नहीं हो सकता है,
जितनी मुश्किलें सही हैं उन दोनों ने,
उतनी कोई दूजा नहीं सह सकता है,
उनकी सहमति के बिना,
मैं सांस भी नहीं लेती हूँ,
उनके लिए तो मैं अपना,
सारा जीवन दे सकती हूँ,
मेरे जीवन का हर फैसला लेने का,
उनको पूरा-पूरा अधिकार है,
मेरे लिए चूनेंगे वो एक प्यारा परिवार है,
मैं नहीं भूल सकती उनके त्याग और बलिदान को,
मैं कभी ठेस नहीं पहुंचाऊंगी उनके सम्मान को,
मात-पिता को छोड़कर कोई सुखी नही हो पाया है
समाज भी उनको नहीं अपनाता है,
जिस बेटी ने मात-पिता का सर झूकाया है,
मात-पिता हैं साथ अगर हम उनके दिल का,
एक महकता फूल बन जाएंगे,
मात-पिता के साथ मिलकर,
हम एक प्यारा संसार बसाएंगे,
*      *       *       *        *








































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