दहेज नहीं,शिक्षा दो (Dahej nahin shiksha do )
दान-दहेज एक बुराई है,
इस बुराई का खुल कर कीजिए बहिष्कार,
* * * * * *
![]() |
दहेज नहीं,शिक्षा दो (Dahej nahin shiksha do ) |
अनपढ़ ना रहे कोई भी बेटी,
हर मात-पिता की है ये जिम्मेदारी,
विद्या धन के बिना ना आएगी बेटी में समझदारी,
विद्या धन पाकर बेटी,
अपने अधिकार के लिए लडना सिखे,
विद्या धन है उत्तम धन,
ये धन पाकर बेटी हर बुराई के आगे,
ढटकर खडना सिखे,
ये उसका है जन्म सिद्ध अधिकार,
बेटी के हाथों में दो परिवारों की पतवार,
बेटी का अधिकार ना दबाए कोई,
बेटी नहीं है बेटे से कम,
ये उसे समझाए कोई,
बेटी है जिगर का टुकड़ा,
मत समझो उसको धन पराया,
बेटी संग रौशन रहे सारा परिवार,
दान-दहेज एक बुराई है,
इस बुराई का खुल कर कीजिए बहिष्कार,
* * * * * *
विद्या धन से बड़ा कोई दान नहीं,
इसके के बिना बेटी का सम्मान नहीं,
ये खाएं सौगंध दहेज है एक बुराई,
दहेज के बिन करेंगे अपनी बेटी की बिदाई,
दहेज है एक अभिशाप,
इसका हिस्सा मत बनिए आप,
इसके खिलाफ दिल से लड़ें,
ना हो कोई दिखावा,
बेटी की करें बिदाई सम्मान के साथ,
ना कुछ और दीजिए बेटी के अलावा,
जिस मात-पिता ने अपने दिल का टुकड़ा दे दिया हो ,
आप उस पिता से कोई और मांग ना करें,
कन्यादान से बड़ा कोई दान नहीं,
इसमें ही सब्र करें,
जिस पिता ने पूरे जीवन की कमाई,
कर दी हो आपके नाम,
आपके नाम कर दी हों एक पिता ने,
अपनी खुशियां तमाम,
उस पिता के जीवन पर,
ना डालिए हद से ज्यादा भार,
विद्या धन दीजिए ये है हर बेटी का अधिकार,
दान-दहेज एक बुराई है,
इस बुराई का खुल कर कीजिए बहिष्कार,
* * * * * *
इस बुराई से खुद को,
आज ही अलग कीजिए,
ना दहेज लें ना दहेज दें,
ये पहल खुद आप कीजिए,
एक पढ़ी-लिखी बेटी,
समाज को एक नई रौशनी दिखाएगी,
खुद पड़ेगी औरों को पडाएगी,
एक पढ़ा-लिखा संसार बनाएगी ,
बिन दहेज के बेटी को,
सीखिए करना स्वीकार,
उस बेटी को दीजिए घर में पूरा लाड़-प्यार,
दान-दहेज छोड़कर,
बेटी के संस्कारों का मान करें,
हर बात पर ना व्यंग करें,
ना बात -बात पर उसका अपमान करें,
दुसरे की बेटी को अपनी बेटी मानकर,
उसका सम्मान करें सारा परिवार,
विद्या धन दीजिए ये है हर बेटी का अधिकार,
दान-दहेज एक बुराई है,
इस बुराई का खुल कर कीजिए बहिष्कार,
* * * * * *
creater-राम सैणी
must read :मात-पिता की सेवा
0 Comments:
Post a Comment
Subscribe to Post Comments [Atom]
<< Home