Thursday, 30 March 2023

कैसे मांगू माफी माँ

माँ यशोदा कान्हा को देखती हुई
कैसे मांगू माफी माँ

सर को झुकाके चरणों को पकड के,
बोलो कैसे मांगू मैं माफी माँ।
मैने  की है तुम्हारी जो बेकदरी,
मै रूसवा हो चुका हूँ जमाने में काफी माँ।
*       *        *        *        *         *
छोड दिया तुमको रूलने के लिए,
मैने गैरों के हवाले माँ।
मेरी नजरें नहीं उठती तुम्हारे सामने,
मुझे रूसवा होने से बचाले माँ,
कौन है तेरे जैसा मेरा हमसाया माँ ,  
तेरे जैसा रिश्ता इस ज़माने में ,
किसी और ने नहीं निभाया माँ ,
मुझे कुछ और नहीं चाहिए ,
मेरे लिए तुम्हारे प्यार के दो बोल ही काफी माँ ,
सर को झुकाके चरणों को पकड के,
बोलो कैसे मांगू मैं माफी माँ।
मैने की है तुम्हारी जो बेकदरी,
मै रूसवा हो चुका हूँ जमाने में काफी माँ।
*      *         *         *          *
भूल गया गया था मै अपना फर्ज का रास्ता,
तुमने बचा लिया है मुझको,
देकार अपने दूध का वास्ता,
छोड़ के तुम्हारा ममता का आँचल,
मुझे पछतावा हुआ काफी माँ।
नाक रगड के, हाथ पकड के,
बोलो कैसे मांगूं मैं माफी माँ।
मैने की है तुम्हारी जो बेकदरी,
मै रूसवा हो चुका हूँ जमाने में काफी माँ। 
*         *           *           *
मेरा हाल देख के दुसरों को भी मिले नसीहत माँ,
मेरे  लिए आज से इस दुनिया की,
दौलत - शौहरत  कुछ भी नहीं,
तुम्हारे चरण ही मेरी असली वसीहत माँ।
तुम्हारे इस पावन मुख को देखकर ,
मेरे कंई जन्मों की बुझ गई प्यास माँ ,
दौलत -शोहरत मेरे लिए कोई अहमत नहीं ,
तुम हो मेरे लिए सब से ख़ास माँ ,
अल्फाज नहीं मेरे पास हैं माँ वो ,
जिनसे मांगू मै तुम से माफ़ी माँ ,
सर को झुकाके चरणों को पकड के,
बोलो कैसे मांगू मैं माफी माँ।
मैने  की है तुम्हारी जो बेकदरी,
मै रूसवा हो चुका हूँ जमाने में काफी माँ।
*          *        *           *             *
माँ छोड़ था उस वक़्त मैंने तुमको ,
जब तुम्हे मेरी सबसे ज्यादा जरुरत थी ,
कैसे भुला दिया था मैंने उस रब के मशीहे को ,
जिसकी बस्ती मेरे दिल में मूरत थी ,
अब और नहीं रहना चाहता दूर तुम से ,
मै तुम से दूर रह चूका हूँ काफी माँ ,
तुम्हारे चरण धोकर पींऊँ या माथा रगड के,
बोलो कैसे मांगू मैं माफी माँ,
दोबारा कभी ऐसा नहीं होगा,
माफ करो अब की बार
मैने गलतियां की हैं काफी माँ।

creater- राम  सैणी

https://maakavita3.blogspot.com




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