Saturday, 11 November 2023

कन्यादान की महक (kanyadaan ki mahak )

हर आदमी के नशीब में नहीं होता,
बेटी करती है मरते दम तक,
मात-पिता का सम्मान,
*    *      *       *
पिता अपनी बेटी को हवा में उछालता हुआ
कन्यादान की महक (kanyadaan ki mahak )


मात-पिता समझें उसको,
अपनी आँखों का तारा,
बेटी है सर का अभिमान हमारा,
मात-पिता के दिल में उतर जाती है,
बेटी आँखों के रस्ते,
बेटी सब कुछ वार देती है,
मात-पिता पर हंसते -हंसते,
हर दर्द छुपा लेती है,
बेटी सीने में अपने,
मात-पिता की खुशी के लिए,
मार देती है अपने सब सपने,
बेटी का कन्यादान है,
इस जग में महादान,
ये हैं मात-पिता के लिए सबसे बड़ा सम्मान,
बेटी हंस-हंस कर कर करती है,
पूरे घर का काम,
उसके चेहरे पर ना आएं,
कभी क्रोध के निशान,
हर आदमी के नशीब में नहीं होता,
बेटी करती है मरते दम तक,
मात-पिता का सम्मान,
*     *       *      *
बेटी हो जाती है कंई बार बेटों पर भारी,
वो देख नहीं सकती अपने,
मात-पिता की लाचारी,
बेटी है जान हमारी,
वो नहीं हैं धन पराया,
वो आदमी हर क़दम पर दुख उठायेगा,
जिसने किसी की बेटी को है सताया,
अपनी बेटी को दीजिए अच्छे संस्कार,
उस पर नाज करते हैं दो परिवार,
दो परिवारों को जोड़ती है,
बेटी एक कड़ी बनकर,
वो दो परिवारों में खुशियां बिखेरती है ,
खुशियों की लडी बनकर,
बेटी रखती है अपने हाथों में,
संभालकर पूरे घर की कमान,
हर आदमी के नशीब में नहीं होता,
करना बेटी का कन्यादान,
बेटी करती है मरते दम तक,
मात-पिता का सम्मान,
*      *        *       *
बेटी का करूं मैं कितना गुणगान,
जिस घर में बेटी जन्मे वो घर है धनवान,
उसके कदमों से घर बन जाए पावन,
घर बन जाए एक मन्दिर ,
वो ज्योत प्यार की जगाकर रखें,
अपने दिल के अन्दर,
बोझ ना मानो बेटी को,
बेटी है अभिमान हमारा,
जिस के घर बेटी आए,
चमक जाए उसकी किस्मत का सितारा,
बेटी में लक्ष्मी जी का वास है,
इसलिए बेटी है सबसे ख़ास,
सदा रखना इस बात का ध्यान,
बेटी का चेहरा ना हो कभी उदास,
करना सदा प्रयास ये ही,
बेटी के चेहरे पर सदा,
क़ायम रहें प्यारी-सी एक मुस्कान,
हर आदमी के नशीब में नहीं होता,
करना बेटी का कन्यादान,
बेटी करती है मरते दम तक,
मात-पिता का सम्मान,
*     *      *      *































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