Thursday, 13 April 2023

माँ के रिश्ते जैसा ना कोई


माँ  के  रिश्ते  जैसा रिश्ता, 
ना दूजा कोई इस  जहान में,
जिसने कभी  कोई  कमी  ना ,
आने  दी, हमारी  शान में।
*       *         *        *
कभी  काला टीका  लगाकर कान के  पिछे,
नजर  हमारी  उतार दें।
कभी  गोद में बिठाकर हमें,
दुलारती  है  प्यार से,
आ जाए जो औलाद पे मुशिबत,
तो ऐसे हो जाए जैसे  तीखी
तलवार  हो म्यान में।
*       *         *        *
माँ  के  रिश्ते जैसा रिश्ता,
ना दूजा कोई इस  जहान में।
*        *        *          *
पल में  गुस्सा पल में  प्यार,
माँ  की डांट  है  एक  प्यारा  उपहार,
कभी गुरु बनकर हमें  सबक सिखाए,
कभी  आँख  दिखाकर हमें  डराए
रूठ जाऊं मैं  अगर तो मुझे मनाए,
और  ना मानूं तो मेरे संग  बच्चा  बन जाए।
*        *          *           *          *
मै हंसु तो वो हंसे मै रोऊं तो वो रोए,
मै जागुं तो वो जागे मै सोऊं तो वो सोए,

एक  किलकारी अगर मार दूँ, 
तो वो दौडी चली आए,
फिर  देखें  ना वो आगे - पिछे,
उसे कुछ समझ ना  आए।
उतार  के मेरे सर से भलांए,
वो थुके आसमान में,
*         *          *
माँ  के  रिश्ते  जैसा रिश्ता, 
ना दूजा कोई इस  जहान में।
हाथ  पकड के  चलना सिखाए,
मन्द-मन्द अकेली  मुस्काए,
जिसकी  जान बसी हो, 
हमारी  जान  में
*          *        *            *
माँ  के  रिश्ते जैसा रिश्ता,
ना दूजा कोई इस  जहान में।
*         *          *            *

creater- राम  सैणी

https://maakavita3.blogspot.com


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