बेटी की किस्मत (beti ki kismat )
एक बाप के हिस्से में आता,
वो सारे जहां की खुशियां को,
उसके कदमों में बिछाता,
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बेटी की किस्मत (beti ki kismat ) |
बेटी को मुश्किल में देखकर,
एक बाप का दिल भी रोता है,
उसकी रातों की नींद उड़ जाती है,
अगर बेटी को कुछ भी होता है,
बेटी में बसे हैं उसके प्राण,
बेटी है एक बाप का सम्मान,
माँ के दिल की धड़कन है वो ,
एक बाप की आँखों का तारा है,
वो नंगे पाँव दौडी चली आती है,
माँ-बाप ने जब भी उसे पूकारा है,
बेटी की एक मुस्कान प्यारी,
जिसे देखकर दिनभर की थकान,
मिट जाए हमारी,
रहे सुनहरा बेटी का आज और कल,
बेटी की चिंता सताए एक बाप को हर पल,,
काश एक बाप जादू की छडी घूमाकर,
अपनी बेटी को सब खुशियां दे पाता,
एक बाप के हिस्से में आता,
वो सारे जहां की खुशियां को,
उसके कदमों में बिछाता,
* * * *
मैं अपनी बेटी के हिस्से लिखता,
इस नीले आसमान के चाँद-सितारे,
ग़म के सारे बादल हटाकर,
उसके जीवन में लिखता खुशियों के उजियारे,
हर दिन गुजरे उसका हंसते -मुस्कराते ,
वो जिस घर में भी जाए रानी बनकर रहे,
उसके कदमों में हों हर पल,
महकते फूल बिछाते,
काश मैं अपने हिस्से के सुख सारे,
बेटी के नाम लिख पाता,
चमकता रहे हर पल बेटी का चेहरा,
उसके जीवन में सदा प्यार के बादल बरसाता,
बिन मांगे उसे सब दे पाता,
उसके मांगने से पहले ,
उसकी मोहिनी सूरत को देखकर,
सौ,-बार सोचता हूँ उसको डांटने से पहले,
बारिश की बूंदें भी ना छू पाएं उसको,
मैं बनकर रहूँगा सदा उसका छाता,
एक बाप के हिस्से में आता,
वो सारे जहां की खुशियां को,
उसके कदमों में बिछाता,
* * * *
हर रिश्ते को दिल से निभाए,
माँ-बाप के दिल में बस जाएं,
ना किसी बात से डरी है वो
घर में रहती हैं बनकर एक परी है वो,
सबसे ऊपर है बेटी का सम्मान ,
ईश्वर करे वो ना हो कभी परेशान,
बडा रूलाती है बेटी की यादें,
बेटी के जाने के बाद,
रूठ जाती है जब वो कभी,
हम भी रूठ जाते हैं ,
बेटी को मनाने के बाद,
बचपन से लेकर बुढ़ापे तक,
हर पल करते हैं परवाह उसकी,
माँ-बाप के दिल में रहती है ,
एक अलग ही जगह उसकी,
भूले से भी बेटी का मोह,
दिल से भूलाया नहीं जाता,
काश बेटी की किस्मत लिखने का हक,
एक बाप के हिस्से में आता,
वो सारे जहां की खुशियां को,
उसके कदमों में बिछाता,
* * * *
creater-राम सैणी
ईटपअअ
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