Sunday, 14 January 2024

पिता की दुआएं (pita ki duaayen )

हर दिन मांगता है पिता दुआएं मेरे लिए,
मैंने भी उसके लिए आज मांगा है रब से 
चाँद के जैसे चमक रहा चेहरा उसका 
ये बोल दिया है पिता से मैंने जब से,
*      *       *        *       *
पिता अपने बेटे के साथ खड़ा हुआ
पिता की दुआएं (pita ki duaayen )




हर घड़ी करता है पिता रब से,
मेरी लम्बी उम्र की दुआएं,
पिता के जैसा कोई साथ निभाए,
ये सब है कोरी अफवांए,
अपनी तकलीफों का जुबान से,
वो करता कभी कोई जिक्र नहीं,
शायद ही कोई पल हो ऐसा,
जिस पल वो करता हमारी फिक्र नहीं,
रिश्ते कैसे निभाए जाते हैं,
ये उससे बेहतर और कौन जाने,
परिवार के सब मोती,
एक माला में कैसे पिरोए जाते हैं,
ये उससे बेहतर और कौन जाने,
मुझे रखता है हमेशा एक मित्र के जैसे,
मुझ पर करता है भरोसा वो करके आँखें बंद ,
मैं भी वहीं बोलता हूँ जो पिता को है पसंद,
हर वक्त हाँ में सर हिलाते हुए देखा है उसको,
मैंने होश संभाला है जब से,
हर दिन मांगता है पिता दुआएं मेरे लिए,
मैंने भी उसके लिए आज मांगा है रब से 
चाँद के जैसे चमक रहा चेहरा उसका 
ये बोल दिया है पिता से मैंने  जब से,
*       *       *      *       *
बिन बोले पूरी करता है,
हमारी हर एक आरज़ू,
सब चेहरों से अलग दिखता है सिर्फ तूं,
मेरी जिद्द के आगे झुक जाता है हर बार,
मुझे पता है कि वो पूरी करेगा जरूर,
कंई बार मैं भी पीछे कदम हटा लेता हूँ,
देखकर अपने जान से प्यारे पिता को मजबूर,
मेरी खुशियों का राज जुड़ा है आप से,
मैं चलता हूँ करके चौड़ा सीना अपना,
मुझे फक्र है आपसे जुडा है मेरा नाता,
तुम हो आखरी उम्मीद हमारी,
तुम से ही जुड़ा हंसना-गाना,
मरना -जीना अपना,
किस रंग में रंगना है आपको,
मुझको बताओ तो जरा,
शकल -सूरत सब आप से मिलती है मेरी,
मुझको भी अपने जैसा बनाओ तो जरा,
खुद से भी ज्यादा मान-सम्मान मिलेगा,
आपको हम सबसे,
हर दिन मांगता है पिता दुआएं मेरे लिए,
मैंने भी उसके लिए आज मांगा है रब से 
चाँद के जैसे चमक रहा चेहरा उसका 
मेरा रब तूं मेरा सब तूं
ये बोल दिया है पिता से मैंने  जब से,
*      *      *         *          *
घर में फैला रहता है उजाला,
एक आपका प्यारा मुख देखकर,
आप भी उड़ते रहते हो आसमान में,
हम सबका सुख देखकर,
हमारी खुशियों में चार चांद लग जाते है,
जब आप बोलते हो मैं हूँ ना,
आप रहते हो हमेशा ताकत बनकर हमारी,
आप के लिए कोई बोले बुरा,
ये मैं कभी सहूं ना,
हर घर में कायम रहे पिता का साया,
उस इंसान ने सब कुछ इसी जन्म में पा लिया,
जिसने अपने माता-पिता की सेवा का फर्ज,
सच्चे दिल से है निभाया,
परिवार की माला के ये वो मोती हैं,
जिनके बिना अधूरा है हर परिवार,
यहाँ सब कुछ मिल सकता है,
बस मिलता नहीं इनके जैसा प्यार,
हम जानते हैं कितना प्यार करते हैं,
ये हम सबसे,
हर दिन मांगता है पिता दुआएं मेरे लिए,
मैंने भी उसके लिए आज मांगा है रब से 
चाँद के जैसे चमक रहा चेहरा उसका 
मेरा रब तूं मेरा सब तूं
ये बोल दिया है पिता से मैंने जब से,
*      *        *      *       *












































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