Friday, 14 April 2023

स्पर्श माँ के हाथों का


स्पर्श  माँ के  हाथों का,
मुझे  बहुत  प्यारा लगता है।
भर देता है  जोश दिल में, फिर
हर काम  मे मन हमारा  लगता है
*         *           *            *
उसके  स्पर्श में  एक जादू है,
जो हर ले सारे  दुख  हमारे,
अपना दुख - दर्द भूलकर,
जिसे प्यारे लगें सुख हमारे,
साथ हमारे  खुश  रहे वो,
हमे भी  उसका साथ  प्यारा लगता है।
स्पर्श  माँ के  हाथों का,
मुझे  बहुत  प्यारा लगता है।
*       *         *           *
जब वो हाथ  फेरे सर पर,
उत्तर जाए  दिनभर की  थकान,
यूं ही  नहीं  बोलते  लोग,
माँ को  महान।
*        *         *
कभी समेटे आँचल  में  अपने,
कभी गुस्से से  आँख दिखाए,
ये गुस्से वाला चेहरा  तुम्हारा,
देखने को  जी दोबारा  करता है।
स्पर्श  माँ के  हाथों का,
मुझे  बहुत  प्यारा लगता है।
*         *          *           *
माँ हमेशा बच्चों के लिए जीए,
चाहे  तन पर  हों कम कपड़े,,
चाहे  भुखा पडे उसे  रहना,
कुछ  भी  कर  जाए उनकी,
एक  मुस्कान के लिए,
*       *         *         *
तेरा  आँचल सदा मुझे,
खुशियों का एक  पिटारा  लगता है।
स्पर्श  माँ के  हाथों का,
मुझे  बहुत  प्यारा लगता है।
खिल जाए मन फूलों की तरह,

माँ  तेरा हर रूप मुझे  प्यारा  लगता है।
*        *         *          *            *

creater -  राम  सैणी

https://maakavita3.blogspot.com

0 Comments:

Post a Comment

Subscribe to Post Comments [Atom]

<< Home