Wednesday, 26 July 2023

अपने आँचल में छिपा ले मुझको (apne aanchal me chhipa le mujhko )

सुबह-श्याम  लगाऊं माथे पर,
अपनी पलकों से  हटाऊं मैं,
तेरी राहों के शूल को।
*       *       *      *



माँ अपने बेटे को चूमती हुई
अपने आँचल में छिपा ले मुझको (apne aanchal me chhipa le mujhko )


जब चले तुं राहों में तेरे संग चलें ठण्डी हवाए,
मुझे बहुत आनन्द आता है,
जब तुम प्यार करती हो,
फैलाकर अपनी बांहें,
तुम लगती हो बरसते बादल के पानी के जैसे,
जैसे बारीश के बादल सब पर,
 एक समान बरसते हैं,
वैसे ही तुम्हारा प्यार भी माँ,
सबको एक समान मिलता है,
तुम को ना हो कोई तकलीफ़ कभी,
हंसी तुम्हारी गुलाम रहे,
तुम हर पल जीयो शान से,
इस जहां के सुख तुम्हें तमाम मिले,
बन्द आँखों से भी तुम्हारा चेहरा दिखे मुझे,
ऐसा मेरा असूल हो,
सुबह-श्याम लगाऊं माथे पर,
*       *       *       *
तुम्हारी सेवा में गुजरे जीवन मेरा,
ये ही मेरा अरमान है ,
जो ना पड़ सके माँ के माथे की लकीरों को,
वो बिल्कुल नादान है,
माँ तेरे कदमों की धूल,
जिस आँगन में रहती हैं,
उस घर में प्यार की नदियां सदा बहतीं है,
दौलत -शोहरत चूमे दहलीज उस घर की,
कृपा राम जी की उस घर पर,
सदा रहतीं हैं 
हे राम जी,हर ग़म से रखना उसे अनजान ,
वो है मेरा भगवान,
मेरे माँ मांगे जब तुम से कोई दुआ,
उसकी मांगी हुई हर दुआ कबूल हो,
सुबह-श्याम लगाऊं माथे पर,
माँ तेरे चरणों की धूल को ।
*       *        *         *
कवच बनकर रहती है,
मेरे सर पर तेरी दुआ माँ ,
पल में हो जाएं गायब  सब तकलीफें मेरी,
जब भी तुम ने मुझे प्यार से छूआ माँ ,
मैं उस बेल का पत्ता हूँ,
जो रहती है सदा हरी-भरी,
मैं फूल हूँ उस बाग का जिसकी खुशबू,
चारों ओर बिखरी पड़ी,
मैं विनती करूं ये राम से,
बाकी दिन गुजरें तेरे आराम से,
तुम रहो हमारे घर का फूल बनकर,
हम रहें तुम्हारे चरणों की धूल बनकर,
इस जीवन पर दूध का कर्ज है तेरा,
हाथ तुम्हारा थामना ये फर्ज है मेरा,
मैं अपने गले का हार बनाकर रखुं,
बगीचे के इस प्यारे फूल को,
सुबह-श्या लगाऊं माथे पर,
माँ तेरे चरणों की धूल को ।
*       *        *        *






Monday, 24 July 2023

सबसे सच्चा साथी (sabse sachcha sathi )

जिसके होंठों पर कभी ना नहीं होती,
जिनके पास माँ नहीं होती ।
*      *         *          *


माँ अपने बेटे को पीठ पर उठाती हुई
सबसे सच्चा साथी 


जब माँ साथ होती है तो हम ,
पूरी दुनिया से लड जाते हैं,
उसका सहारा है पहाड़ के जैसा,
हम माँ के सहारे तकलीफों के आगे,
सीना तानकर खड़ जाते हैं,
माँ कभी हमें झूकने ना दे,
राहों में कितनी ही तकलीफें क्यों ना हों,
वो हमे रुकने ना दे,
वो है हमारा एक मसीहा,
जो कभी आँखों से आंसू ना बहने दे,
खुद सह लेगी हर तकलीफ़ मगर,
हम को कोई तकलीफ़ सहने ना दे,
साफ और पवित्र प्यार है जिसका,
निश्छल और प्रेम से भरा रिश्ता है जिसका,
वो घर सूना -सूना लगता है जहाँ माँ नहीं होती,
माँ की कीमत उनसे पूछो,
जिनके पास माँ नहीं होती ।
*       *         *         *
पहली बार जब मुझे माँ की गोद मिली ,
मैं रो रहा था पर माँ के चेहरे पर थी एक मुस्कान ,
उसने लगाया जब मुझे सीने से,
मुझे ऐसा लगा ये ही है मेरा भगवान,
फिर उसने मुझे अपनी बाहों में भर कर,
मेरा माथा चूमा कंई बार,
गोद मे माँ की जाकर मैं,
भयमुक्त हो गया,
मुझे ऐसे लगने लगा ये ही मेरा पहरेदार,
उसके आँचल की गर्माहट,
मुझे हर घड़ी आराम दें,
जी-जान लगा देती है वो,
मेरी परवरिश करने में,
मुझे खुशियां इस जहां की माँ मुझे तमाम दे,
फिर एक दिन मेरा भगवान मुझसे रूठ गया,
मेरी माँ का आँचल मुझसे छूट गया,
मेरा हर सपना हर ख्वाहिश उस दिन से टूट गया,
कैसे गुजरते होंगे उनके दिन,
जिनके पास माँ के आँचल की पनाह नहीं होती,
माँ की कीमत उनसे पूछो,
जिनके पास माँ नहीं होती ।
*       *        *        *
सूना -सूना लगता था सब माँ के बिना,
माँ के बिना भी है क्या जीना,
बहुत याद आता है माँ का वो लाड़-प्यार,
हर दिन लगता था जैसे,
हो कोई त्योहार,
बिन माँ के अकेले हम हो गए,
हमारे जीवन में दुख ज्यादा,
सुख कम हो ग‌ए,
सपने में आती है माँ कभी -कभी,
मुझ पर प्यार लुटाने,
माँ का चेहरा देखकर,
मैं भी झूम उठता हूँ खुशी से,
इसी सपने के बहाने,
मैं खूब लूटता हूँ माँ के आँचल का प्यार,
फिर मुलाकात कब होगी राम जाने,
किसी और प्यार में माँ के प्यार जैसी,
वफ़ा नहीं होती,
माँ की कीमत उनसे पूछो,
जिनके पास माँ नहीं होती ।
*       *         *         *
creater-राम सैणी

















Saturday, 22 July 2023

माँ,जीवन की प्रेरणा (maa, jeevan ki prerna )

माँ,तेरे आँचल की छाँव में,
जीवन की सफलता के फूल खिलाना है।
माथे पर पर तिलक लगाना है!
  *          *          *           *

माँ अपने बेटे के मुख को छूती हुई
माँ,जीवन की प्रेरणा (maa, jeevan ki prerna )

संघर्षों की डाली से गुज़रना है, हर कदम पर साहस दिखाना है।
तेरी ममता से जग जगमगाया है, तू ही तो है जगत की जननी माँ , तेरी गोदी में सर रखकर ,
मैंने जन्नत सा सुख पाया है , लिपटकर तुम्हारे सीने से ,
मै भूल जाता हूँ दुनिया के गम सारे ,
मुझे तुम्हारी और खींचता है ,
प्यार में तुम्हारे एक जादू सा समाया है
संकट जब आ जाएं बेवजय , जीवन रुपी सागर में तू ही एक सहारा हो ,
जब भी हार जाने का डर हो,
तू ही तो है मुस्कराने की वजह।
मिल कर साथ तुम्हारे ,
हर गम को जीत जाना है ,
माथे पर पर तिलक लगाना है!
*          *        *           *
तू ही तो है मेरे जीवन की शक्ति, तेरे बिना ना जी पाते हैं हम। तू ही तो है मेरे जीवन का अर्थ, तेरे बिना है माँ सब व्यर्थ ,
तेरे स्नेह की चादर ओढ़कर माँ , सबको सुखी बनाना है। माँ,तू ही तो है जीवन की प्रेरणा मेरे , मुझे सबको ये बताना है ,
कहीं भटक न जाएं माँ के बिना, मेरे सपनों का घर है मेरी माँ का सीना , सबको आगे बढ़ाना है, जीवन की यात्रा में एक दूसरे का हाथ पकड़ना है।
माँ है घर की जान हमारे ,
उसका हाथ पकड़कर चलते जाना है ,
तेरे चरणों की धुल का माँ ,
माथे पर पर तिलक लगाना है!
*        *        *         *

तेरी ममता के आँचल में खिला है, मेरे जीवन का फूल , माँ ख़ुशी हो या गम ,
तेरे चरणों में कोई शूल न चुबने देंगे हम ,
माँ के प्यार में दुनिया को भूल जाने का आनंद है, तू ही तो है सच्चा सहारा मेरा , तेरी गोदी में गुजरा है बचपन मेरा , मेरे जीवन में हर पल है पहरा तेरा ,
जो तुझको माँ पसंद है ,
वो ही मेरी भी पसंद होगी ,
हम वो ही काम करेंगे जिसमे तूं रजामंद होगी ,
माँ तेरे चेहरे की बहार ,मुझे देखनी है हर बार ,
तूं है सर का ताज मेरा ,
तूं ही मेरा अभिमान है ,
तुझ से हमारी घर की रौनक ,
तूं ही हमारी शान है ,
तेरे क़दमों में बिखरें जन्नत के मोती
मुझे उन मोतियों से गले का हार बनाना है ,
तेरे चरणों की धुल का माँ ,
माथे पर पर तिलक लगाना है!
*     *      *         *         *
creater -राम सैणी 

Monday, 17 July 2023

माँ के प्रति आभार (maa ke prati aabhar )

 
हे ईश्वर,हर जन्म हर बार मुझे,
हों इसी सूरत के दीदार मुझे,
ये अपनी ओर खींचें बार-बार मुझे।

       *      *          *          *


माँ बेटे को गोद में सुलाती हुई
माँ के प्रति आभार 



माँ तुमने देकर कोख से जन्म अपनी,
मुझ पर एक उपकार किया,
मैं क़ाबिल नहीं था इन सबके,
फिर भी तुमने मुझे बिन देखे खूब प्यार किया,
तुम अपने सर का दूपटा,
डालती थी सर पर मेरे ,
मैं चलता जब पीछे -पीछे,धूप में तेरे,
जो पीछे मुड़कर ना देखे कभी,
तुम हो समन्दर का बहता पानी,
मेरी हर भूल को किया,
नजर‌ अन्दाज  तुम ने,
माफ की मेरी हर नादानी,
हे ईश्वर,मेरी इस ज़ुबान से,
माँ का हो गुणगान सदा,
जो करें बेइन्तिहां प्यार मुझे,
ये अपनी ओर खींचें बार-बार मुझे।

*     *      *        *           *
तुम्हारा प्यार है माँ गंगा जल के जैसा,
बिल्कुल साफ और पवित्र,
नफ़रत तेरे आस-पास नहीं,
जो आ जाए तुम्हारे आंचल की छाँव में,
वो‌ रहे ना उदास कभी ,
तुम नब्ज हमारी पड़ लेती हो,
तुम्हारी आँखें खुली हों या बन्द,
माँ तुम रूठो या प्यार करो,
मुझे तुम्हारी हर अदा है पसन्द ,
ईश्वर ने भेजा है तुम्हें बनाकर हमारा पहरेदार,
तुम्हारी सेवा में आए ना कोई कमी कभी,
मैं बनकर रहूँ तुम्हारा सेवादार ,
हे ईश्वर,माँ है बरगद का पेड़,
मैं हूँ ढाल उसकी,
उसकी छाया रहे सदा मुझपर,
मैं रखुं मिलाकर ताल में ताल उसकी,
मैं हूँ एतबार माँ का ,वो बनाकर रखें,
गले का हार मुझे,
पता नहीं क्या जादू है माँ की इस प्यारी सूरत में,
ये अपनी ओर खींचें बार-बार मुझे।

*       *        *       *        *
किस्मत के धनी हैं वो लोग,
जिनके सर माँ-बाप का साया है,
शायद कुछ पुण्य थे पिछले जन्म के मेरे,
जो मुझको माँ का हमदर्द बनाया है,
मैं झूककर रहूँ सदा चरणों में उनके,
हे ईश्वर, मुझे देना ये वरदान,
माँ मेरी रग-रग में बसे,
मैं करता रहूँ सदा उसका सम्मान,
जब तक हैं सीने में प्राण उसके,
होंठों पर रहे मुस्कान उसके,
उसकी प्यारी -प्यारी बातों से,
मेरे मन को मिलता है सकून बहुत,
उसके प्यारे-प्यारे हाथों में,वो जादू है,
जो मेरे सर पर रखदे एक बार,

मेरे बेचैन मन को मिलता है सकून बहुत
हे ईश्वर,मैं बनाकर रखूं आँखों का 
तारा उसे,माँ बनाकर रखें अपना सेवादार मुझे,
पता नहीं क्या जादू है माँ की इस प्यारी सूरत में,
ये अपनी ओर खींचें बार-बार मुझे।

*       *       *       *        *

creater-राम सैणी









Sunday, 9 July 2023

मात-पिता के मुस्कराते चेहरे

मात-पिता के मुस्कराते चेहरे,
मुझे हद से ज्यादा भाते हैं,
मेरी आँखों में चमक आ जाती है,
जब वो दिल खोलकर मुस्कराते हैं।
*      *        *          *         *


माँ अपने बेटे के चेहरे को चूमती हुई
मात-पिता के मुस्कराते चेहरे 


एक कोशिश रहती है मेरी,
ये ही मेरे दिल का अरमान है,
मेरे लिए वो इस धरती पर,
आसमान से उतरे भगवान हैं,
हर रंग हों खुशी के उनके आँचल में,
गम ना हो उनके आस-पास,
चहकते रहे वो हमेशा आंगन में,
हर पल बनकर रहूं मैं उनका खास,
मेरी माँ के दामन में आसमानी सितारे हैं,
उसके दामन में छिप जाते हैं,
इस जहां के गम सारे हैं,
हम मानतें हर बात उनकी,
क्या अच्छा है क्या बुरा है,
जब वो हमे बताते हैं,
मात-पिता के मुस्कराते चेहरे,
मुझे हद से ज्यादा भाते हैं।
*      *        *         *
पिता के कान्दे पर बैठकर,
मैं घूमा हूँ कंई बार,
सब गलतियां छुपाकर हमारी,
प्यार से माथा हमारा चूमा है हर बार,
आसमान से ऊँचे इरादे हैं उसके,
दिल है समंदर के जैसा,
खुशहाली के दिन होतें हैं,
राज में उसके,
हर पल करतें हैं मस्तियां,
हमारे आगे-पीछे रहता है पैसा,
राम जी के जैसे वो करतें हैं हिफाजत,
नहीं है इस जहां में कोई उनके जैसा,
एक पहरेदार की तरह खड़े हों जाते हैं पीछे,
जब गम हमें सताते हैं,
मात-पिता के मुस्कराते चेहरे,
मुझे हद से ज्यादा भाते हैं।
*      *       *      *
मैं अपनी प्यारी माँ के,
क्या -क्या सुनाऊं किस्से,
मेरे हिस्से के दुख नाम किए हैं अपने,
सारे सुख अपने डाल दिए झोली में मेरी,
जो भी आए हैं उसके हिस्से,
वो प्यार का फरीशता है मेरे लिए,
हर दुख से होकर अन्जान,
सब रिश्ते निभाती है मेरे लिए,
इतनी खुबियां हैं उसमे,
मैं कैसे करूं ब्यान,
सर झूक जाता है सामने उसके ,
पहरे में उसके खुशियां रहती हैं,
कदमों में मेरे,
हाथ माँ का जब हो सर पर,
दूर रहते हैं गम के काले अन्धेरे,
रंग उसके प्यार के हमेशा,
हमारे घर -आँगन को महकाते हैं,
मात-पिता के मुस्कराते चेहरे,
मुझे हद से ज्यादा भाते हैं।
*      *        *       *
creater-राम सैणी
https://maakavita3.blogspot.com













Saturday, 8 July 2023

मैं बनूंगी छाँव तेरी

 

मैं बनूंगी छाँव तेरी,
तूं भी मेरी छाँव बनना,
सब-कुछ आसान है इस जहां में,
बस आसान नहीं है माँ बनना।

*        *         *          *

माँ अपने बच्चे को आँचल में छुपाती हुई
https://maakavita3.blogspot.com/2023/07/mai-banoongi-chhanv-teri .html

माँ बिन है सूना ये जहान,
जो बिन देखे शुरू कर देती है प्यार हमें,
जिसके दामन में मिलता है प्यार बेसुमार हमें,
ना जाने कितनी ही रातें गुजार दी है बिन सोए,
हर पल दौड़कर आती है पास मेरे,
इससे पहले की हम रोंएं,
भूल जाती है अपनी जिंदगी के सुख सारे,
अपनी जिंदगी की खुशियां सारी,
नाम कर देती है हमारे ,
अपनी बांहों के घेरे में,
रखती है मुझको सदा,
हर घड़ी गमों के अंधेरे से बचाकर,
रखती है मुझको सदा,
उसे मिलती है खुशी एक नन्ही सी जान का,
सारा जहां बनना,
सब-कुछ आसान है इस जहां में,
बस आसान नहीं है माँ बनना।
*       *         *         *
बच्चा जनने मे वो जिस दर्द से गुजरती है,
वो तो बस माँ ही जाने,
एक जान को इस जहां में लाने के लिए,
खुद अपनी जान को दांव पर लगा देती है,
अपनी जान की नहीं है परवाह उसे,
उसे हर घड़ी उसे अपना ही जाया दिखता है,
कोई और ना दिखे उसके सिवाय उसे ,
जिसके लिए माँ भूल जाएं भूख-प्यास अपनी,
हमारे सांसों की करें परवाह इस कदर,
वो भूल जाएं सांस अपने,
हमारे चेहरे पर देखकर खुशी की लहर,
फिर कुछ पल के लिए वो जाती है ठहर,
माँ सदा रखती है हम पर शीतला छाया,
हर सुख नाम कर देती हैं हमारे,
उसके हिस्से जो भी सुख आया,
एक से बढ़कर एक महान आएंगे,
ज़िन्दगी में हमारे,

पर बड़ा मुश्किल है माँ जैसा महान बनना,
सब-कुछ आसान है इस जहां में,
बस आसान नहीं है माँ बनना।

*        *         *         *
अब ये जिम्मेदारी है हमारी,
सदा हंसती रहे माँ हमारी,
जो हमको समझे अपनी जान,
हम भी रखेंगे उसका ध्यान,
जिसने त्याग कर ‌सुख‌अपने,
पूरे किए हैं ‌हमारे सारे सपने,
मैं भी माँ को मानूंगा ईश्वर का वरदान,
कदमों में रख दूंगा सुख सारे,
सदा करूंगा माँ का सम्मान,
जिसके मुख से बोले तो फूल जड़ें,
जो हंसे तो कलियां खिल जाएं,
जिसकी दुआएं हो सर पर हमारे,
जो हमारे लिए अपनी जान तक भी वारे।
मैं बनकर रहूँगा तेरा सहारा ,
तू भी मेरी खुशियों का आसमां बनना ,
सब-कुछ आसान है इस जहां में,
बस आसान नहीं है माँ बनना।

*         *         *        *         *
माँ तुं सदा रहेगी धड़कन बनकर,
इस दिल में हमारे,
हम नंगें पैर दौड़े आएंगे,
तूं जब भी हमें पूकारे,
तुम्हारे एहसान हम पर इस कदर,
फिर कौन नहीं चाहेगा माँ की शान बनना,
सब-कुछ आसान है इस जहां में,
बस आसान नहीं है माँ बनना।
*       *         *          *
creater-राम सैणी
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