Monday, 17 July 2023

माँ के प्रति आभार (maa ke prati aabhar )

 
हे ईश्वर,हर जन्म हर बार मुझे,
हों इसी सूरत के दीदार मुझे,
ये अपनी ओर खींचें बार-बार मुझे।

       *      *          *          *


माँ बेटे को गोद में सुलाती हुई
माँ के प्रति आभार 



माँ तुमने देकर कोख से जन्म अपनी,
मुझ पर एक उपकार किया,
मैं क़ाबिल नहीं था इन सबके,
फिर भी तुमने मुझे बिन देखे खूब प्यार किया,
तुम अपने सर का दूपटा,
डालती थी सर पर मेरे ,
मैं चलता जब पीछे -पीछे,धूप में तेरे,
जो पीछे मुड़कर ना देखे कभी,
तुम हो समन्दर का बहता पानी,
मेरी हर भूल को किया,
नजर‌ अन्दाज  तुम ने,
माफ की मेरी हर नादानी,
हे ईश्वर,मेरी इस ज़ुबान से,
माँ का हो गुणगान सदा,
जो करें बेइन्तिहां प्यार मुझे,
ये अपनी ओर खींचें बार-बार मुझे।

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तुम्हारा प्यार है माँ गंगा जल के जैसा,
बिल्कुल साफ और पवित्र,
नफ़रत तेरे आस-पास नहीं,
जो आ जाए तुम्हारे आंचल की छाँव में,
वो‌ रहे ना उदास कभी ,
तुम नब्ज हमारी पड़ लेती हो,
तुम्हारी आँखें खुली हों या बन्द,
माँ तुम रूठो या प्यार करो,
मुझे तुम्हारी हर अदा है पसन्द ,
ईश्वर ने भेजा है तुम्हें बनाकर हमारा पहरेदार,
तुम्हारी सेवा में आए ना कोई कमी कभी,
मैं बनकर रहूँ तुम्हारा सेवादार ,
हे ईश्वर,माँ है बरगद का पेड़,
मैं हूँ ढाल उसकी,
उसकी छाया रहे सदा मुझपर,
मैं रखुं मिलाकर ताल में ताल उसकी,
मैं हूँ एतबार माँ का ,वो बनाकर रखें,
गले का हार मुझे,
पता नहीं क्या जादू है माँ की इस प्यारी सूरत में,
ये अपनी ओर खींचें बार-बार मुझे।

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किस्मत के धनी हैं वो लोग,
जिनके सर माँ-बाप का साया है,
शायद कुछ पुण्य थे पिछले जन्म के मेरे,
जो मुझको माँ का हमदर्द बनाया है,
मैं झूककर रहूँ सदा चरणों में उनके,
हे ईश्वर, मुझे देना ये वरदान,
माँ मेरी रग-रग में बसे,
मैं करता रहूँ सदा उसका सम्मान,
जब तक हैं सीने में प्राण उसके,
होंठों पर रहे मुस्कान उसके,
उसकी प्यारी -प्यारी बातों से,
मेरे मन को मिलता है सकून बहुत,
उसके प्यारे-प्यारे हाथों में,वो जादू है,
जो मेरे सर पर रखदे एक बार,

मेरे बेचैन मन को मिलता है सकून बहुत
हे ईश्वर,मैं बनाकर रखूं आँखों का 
तारा उसे,माँ बनाकर रखें अपना सेवादार मुझे,
पता नहीं क्या जादू है माँ की इस प्यारी सूरत में,
ये अपनी ओर खींचें बार-बार मुझे।

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creater-राम सैणी









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