Sunday, 9 July 2023

मात-पिता के मुस्कराते चेहरे

मात-पिता के मुस्कराते चेहरे,
मुझे हद से ज्यादा भाते हैं,
मेरी आँखों में चमक आ जाती है,
जब वो दिल खोलकर मुस्कराते हैं।
*      *        *          *         *


माँ अपने बेटे के चेहरे को चूमती हुई
मात-पिता के मुस्कराते चेहरे 


एक कोशिश रहती है मेरी,
ये ही मेरे दिल का अरमान है,
मेरे लिए वो इस धरती पर,
आसमान से उतरे भगवान हैं,
हर रंग हों खुशी के उनके आँचल में,
गम ना हो उनके आस-पास,
चहकते रहे वो हमेशा आंगन में,
हर पल बनकर रहूं मैं उनका खास,
मेरी माँ के दामन में आसमानी सितारे हैं,
उसके दामन में छिप जाते हैं,
इस जहां के गम सारे हैं,
हम मानतें हर बात उनकी,
क्या अच्छा है क्या बुरा है,
जब वो हमे बताते हैं,
मात-पिता के मुस्कराते चेहरे,
मुझे हद से ज्यादा भाते हैं।
*      *        *         *
पिता के कान्दे पर बैठकर,
मैं घूमा हूँ कंई बार,
सब गलतियां छुपाकर हमारी,
प्यार से माथा हमारा चूमा है हर बार,
आसमान से ऊँचे इरादे हैं उसके,
दिल है समंदर के जैसा,
खुशहाली के दिन होतें हैं,
राज में उसके,
हर पल करतें हैं मस्तियां,
हमारे आगे-पीछे रहता है पैसा,
राम जी के जैसे वो करतें हैं हिफाजत,
नहीं है इस जहां में कोई उनके जैसा,
एक पहरेदार की तरह खड़े हों जाते हैं पीछे,
जब गम हमें सताते हैं,
मात-पिता के मुस्कराते चेहरे,
मुझे हद से ज्यादा भाते हैं।
*      *       *      *
मैं अपनी प्यारी माँ के,
क्या -क्या सुनाऊं किस्से,
मेरे हिस्से के दुख नाम किए हैं अपने,
सारे सुख अपने डाल दिए झोली में मेरी,
जो भी आए हैं उसके हिस्से,
वो प्यार का फरीशता है मेरे लिए,
हर दुख से होकर अन्जान,
सब रिश्ते निभाती है मेरे लिए,
इतनी खुबियां हैं उसमे,
मैं कैसे करूं ब्यान,
सर झूक जाता है सामने उसके ,
पहरे में उसके खुशियां रहती हैं,
कदमों में मेरे,
हाथ माँ का जब हो सर पर,
दूर रहते हैं गम के काले अन्धेरे,
रंग उसके प्यार के हमेशा,
हमारे घर -आँगन को महकाते हैं,
मात-पिता के मुस्कराते चेहरे,
मुझे हद से ज्यादा भाते हैं।
*      *        *       *
creater-राम सैणी
https://maakavita3.blogspot.com













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