Tuesday, 12 September 2023

घर की मुस्कान बेटियां (ghar ki muskaan betiyan )

माँ-बाप के सर का ताज,
हर घर की शान है,
उस घर पर ईश्वर भी मेहरबान हैं।
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माँ -बाप बेटी को घूमते हुए
घर की मुस्कान बेटियां  (ghar ki muskaan betiyan )


बाप के दिल में रहती हैं प्राण बनकर,
उसके सर का सम्मान बनकर,
हर सुख -दुख में बेटियां साथ निभाएं,
माँ-बाप के कदमों के साथ कदम मिलाए,
देखकर बेटियों के चेहरे की मुस्कान,
उनकी आए जान में जान,
बाप के दिल पर राज करे हरदम,
बाप जिन पर नाज करे हरदम,
एक आवाज पर दौड़ी चली आएं,
इसलिए उसके दिल की परियां कहलाएं,
बेटियों के बिन हर घर वीरान है,
माँ-बाप के सर का ताज,
हर घर की शान है,
उस घर पर ईश्वर भी मेहरबान हैं।
*       *        *        *
बेटियों के नाज-नखरे माँ हंसकर उठाए,
घर के हर काम में,माँ का हाथ बटाएं,
माँ भी है उनके बिन अधूरी,
माँ के लिए बेटियां भी हैं जरूरी,
बेटी बिन हर त्योहार है सूना,
सूनी है हर भाई की कलाई,
बेटियों के संग रौनक है घर की,
वो नहीं हैं कम किसी से,
बेटियां आज हर जगह हैं छाई,
छोटी-छोटी बात पर मुंह फुलाएं,
हर रिश्ते को दिल से निभाएं,
बेटियां नहीं बोझ हैं
इनको पूजे सारा संसार,
बेटियां हैं महकते फूल आँगन के,
ये भी हैं प्यार की हकदार,
बेटियां हैं दिल का टुकड़ा,
बेटियां हैं हर घर का सम्मान,
माँ-बाप के सर का ताज,
हर घर की शान है,
जिस घर में मुस्कराती है बेटियां,
उस घर पर ईश्वर भी मेहरबान हैं।
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बेटियां छू लेती है तार माँ-बाप के दिल के,
इसलिए बेटियों से करते हैं प्यार वो दिल से,
माँ-बाप में बसती है बेटियों की जान,
सारी उम्र करती है बेटियां इन दोनों का सम्मान,
हर काम में हाथ बंटाए,
इसलिए सबके मन बस जाएं,
बेटे-बेटियों में कभी भी,
भेदभाव मत कीजिए,
उनको भी बेटों के बराबर,
दिल से सम्मान दीजिए,
एक जैसे रखिये दोनों को,
अपने आँचल में छुपाकर,
दोनों को रखिये अपने गले से लगाकर,
बेटियां हैं गरूर सर का,
समझदार से से करती है हर काम वो,
नहीं है वो नादान,
माँ-बाप के सर का ताज,
हर घर की शान है,
जिस घर में मुस्कराती है बेटियां,
उस घर पर ईश्वर भी मेहरबान हैं।
*        *        *        *        *
creater-राम सैणी


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