Tuesday, 5 September 2023

प्यार का आदर्श (pyar ka aadrash )

वक्त बदल गया लोग बदल ग‌ए,
बदल गया संसार,
आज भी जो नहीं है बदला,
*      *       *       *       *

माँ अपने बेटे को गले से लगाती हुई
प्यार का आदर्श (pyar ka aadrash )



माँ कोख से शुरू कर देती है,
बच्चों से प्यार करना,
कब सीने से लगाएगी माँ,
वो शुरू कर देती है उस दिन का इन्तजार करना,
आने वाला कल खुशियों के देता है पल,
माँ भूल जाती है दुख सारा,
देखकर अपने बच्चे का चेहरा प्यारा,
माँ की खुशियों का ताना-बाना,
जुडा है आने वाले मेहमान से,
सांसें उसकी सलामत रहे,
ये विनती करती है भगवान से,
हाथ जोड़ सर को झुकाए,
भगवान के आगे हर बार,
वक्त बदल गया लोग बदल ग‌ए,
बदल गया संसार,
आज भी जो नहीं है बदला,
*      *       *        *
सब-कुछ बदल जाता है,
वक्त के साथ -साथ,
पर नहीं बदलते सारी उम्र जो दुआएं दे,
माँ के प्यारे हाथ,
हाथ हैं उसके जादू की छडी,
जो टाल दें हमारी मुशिबत बड़ी से बड़ी,
जीवन में खुशियों के रंग भर दे,
जीवन में जीने की नई उमंग भर दे,
जब तक जीती है माँ,
वो प्यार करती है बेपनाह,
अपने आगोश मे मुझको लेकर,
मेरा माथा चूमें हर बार,
देखकर मेरी मुस्कान,
माँ के चेहरे पर आए खुशियों की बहार,
वक्त बदल गया लोग बदल ग‌ए,
बदल गया संसार,
आज भी जो नहीं है बदला,
वो है माँ का पवित्र प्यार ।
*       *        *        *
कैसा अटूट रिश्ता है ये,
कैसा है ये बन्धन प्यार का,
मेरी नस-नस में बस गया है ,
बन्धन ये एतबार का,
सबसे ऊपर स्थान है माँ,
तेरा इस ‌संसार में,
भगवान की शक्ति है छुपी,
माँ तेरे निर्मल प्यार में,
बदल जाएंगे सब रिश्ते -नाते ,
बदल जाएंगे सब अपने -पराए,
माँ तुम सब की झोलियां भर देती हो,
जो भी तुम्हारे आँचल में आए,
सूरत है तेरी भोली-भाली,
पाँव तेरे जन्नत का द्वार,
वक्त बदल गया लोग बदल ग‌ए,
बदल गया संसार,
आज भी जो नहीं है बदला,
वो है माँ का पवित्र प्यार ।
*       *       *        *




















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