पिता के बिना आसमान अधूरा (pita ke bina aasman adhoora )
पिता है गुरुर मेरा पिता ही वो हस्ती है,
जो पूरा करें मेरा हर सपना,
पिता है जब साथ मेरे,
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पिता के बिना आसमान अधूरा (pita ke bina aasman adhoora ) |
पिता के कान्दे पर बैठकर,
हर रोज की है मैंने सवारी,
हर वो चीज जो पहूँच से थी बहार,,
पिता ने एक पल में ही,
झोली में डाल दी हमारी ,
जिसका चेहरा देखकर,
माँ के चेहरे पर मुस्कान आती है,
पहला नाम मेरे होंठों पर माँ का आता है,
उसके बाद याद पिता की सताती है,
पिता के होते बचपन गुजरा शानदार मेरा,
वो ही सच्चा पहरेदार मेरा,
पिता है रौनक हमारे घर की,
वो ही जहान है अपना,
पिता है गुरुर मेरा पिता ही वो हस्ती है,
जो पूरा करें मेरा हर सपना,
पिता है जब साथ मेरे,
* * * *
पिता है मेरे सपनों का सौदागर,
जो मेरे लिए खरीद लाए हर सपना,
मेरी हर उम्मीद टिकी है जिस पर,
मैं ईश्वर से भी ज्यादा,
भरोसा करता हूँ उस पर,
मेरी हर जिद पूरी ऐसे हो जाए,
जैसे कोई जादूगर अपनी छड़ी घुमाए,
वो पूरे करें मेरे सारे सपने,
पिता के रहते हैं बाजार के,
सारे खिलौने अपने,
पिता माने मुझको हमेशा नादान,
मैं मानूं उसको हमेशा अपना आसमान,
पिता है ताज हमारे सर का,
वो ही खुशियों का राज हमारे घर का,
वो ही हमारा सच्चा निगेहबान है अपना,
पिता है गुरुर मेरा पिता ही वो हस्ती है,
जो पूरा करें मेरा हर सपना,
पिता है जब साथ मेरे,
तो ये सारा आसमान है अपना।
* * * *
पिता से रौशन घर -बार हमारा,
पिता है तो सुंदर संसार हमारा,
उसके छाँव जैसी इस जहान में,
कोई दूजी छाँव नहीं,
जेब हो खाली फिर भी ज़ुबान पर ना नहीं,
सपने पूरे करने का हूनर है उसमें ,
चाहे वो धनवान नहीं,
जो खुश हो जाए हमारी खुशी में,
उस जैसा कोई प्यारा इन्सान नहीं,
मेरे मात-पिता का नाम,
मेरे मुख पर हो सदा,
उन दोनो का गुणगान,
मेरे मुख पर हो सदा,
उनके नाम से ही चमकता है नाम अपना,
पिता है गुरुर मेरा पिता ही वो हस्ती है,
जो पूरा करें मेरा हर सपना,
पिता है जब साथ मेरे,
तो ये सारा आसमान है अपना।
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