माँ के प्यार की मिसाल (maa ke pyar ki misal )
मोल बिकती नहीं बाजारों में,
फूल खरीद कर देख लिए हैं,
मैंने भी कंई हजारों में ।
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माँ के प्यार की मिसाल (maa ke pyar ki misal ) |
माँ की ममता का कोई मोल नहीं,
उसके प्यार का कोई नाप-तोल नहीं,
दीवानों के जैसे करती है,माँ प्यार हमें,
माँ का प्यार है कितना पावन,
वो चूमकर हमारा माथा,
बताती है हर बार हमें,
माँ तुम्हारे पैर पड़े जिस मिट्टी पर,
मैं उस पवित्र मिट्टी को,
माथे पर लगाता हूँ बार -बार,
घर से निकलता हूँ मैं,
छूकर माँ के पैरों को हर बार,
तुम्हारे आँचल में मिलती है,
ठण्डी छाँव मुझे,
जो सुख मिलता है तेरे सीने पर,
सर रखकर सोने में ,
वो सुख नहीं मिलता ऊंचे महल-चौबारों में,
मोल बिकती नहीं बाजारों में,
फूल खरीद कर देख लिए हैं,
मैंने भी कंई हजारों में ।
* * * *
माँ महकते फूलों की खुशबू भी प्यारी लगाती है,
पर तेरे प्यार की खुशबू के आगे फीकी है,
तेरी ममता है ताकत मेरी,
तेरी वाणी मिस्री से मीठी है,
तेरे प्यारे हाथों में कोई जादू है,
जो छू लेते हैं मन के तार मेरे,
देकर अपने हिस्से की खुशियां,
दुख ले लेती है हर बार मेरे,
दर्शन हों इस महकते चेहरे के,
मुझको हर सुबह हर श्याम ,
मेरे मुख पर रहता है सदा,
माँ तेरा ही पावन नाम,
एक अदृश्य शक्ति है छुपी,
माँ तेरे दिए संस्कारों में,
माँ तेरे प्यार की खुशबू,
मोल बिकती नहीं बाजारों में,
फूल खरीद कर देख लिए हैं,
मैंने भी कंई हजारों में ।
* * * *
माँ तेरी ममता का हक-अदा,
मैं कैसे कर पाऊंगा,
तुम्हारे लिए जो फर्ज है मेरा,
मैं उसे सारी उम्र निभाऊंगा,
माँ खुश है तो मिल जाएगा,
मेरी तपस्या का फल मुझे,
चेहरे पर मुस्कान है माँ के,
तो मिल जाएगा हर समस्या का हल मुझे,
संसार में गुंजेगी गाथा,
माँ तेरे त्याग और बलिदान की,
मेरे जीवन में ऐसा कोई दिन नहीं,
जिस दिन ना हो चर्चा माँ तेरे गुणगान की,
मेरा हर पल युं ही रहे गुजरता,
माँ तुम्हारे प्यार की बौछारों में,
माँ तेरे प्यार की खुशबू,
मोल बिकती नहीं बाजारों में,
फूल खरीद कर देख लिए हैं,
मैंने भी कंई हजारों में ।
* * * *
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