Saturday, 16 December 2023

सिर्फ माँ: एक प्यारी सौगात (Sirf Maa:ek pyari saugaat)


मेरी भीगी आँखों का पानी,
कभी करता कोई शोर‌ नहीं,
जो मेरी दुखती रग को पहचानें,
*       *         *        *       *
माँ अपने बेटे को प्यार करती हुई
सिर्फ माँ: एक प्यारी सौगात (Sirf Maa:ek pyari saugaat



माँ से ज्यादा प्यार करे,
हर कोई उसकी वसीयत को,
सर आँखों पर रखिए सदा,
माँ की दी नसीहत को,
सीने से लगाकर रखती है,
किसी और को कुछ कहने ना दे,
हर पल रहे मेरी ढाल बनाकर,
माँ का प्यार नेक है‌ सबसे,
मुझको तन्हा कभी रहने ना दे,
क्या मांगू भला और मैं रब से,
अपने प्यार के रंग में रंग दे,
मेरा रोम- रोम माँ,
इस कदर समाई है उसके प्यार की खुशबू,
मुझको दिखाई दे हर ओर है माँ,
उसके जैसी इस दुनिया में,
प्यार की‌ कोई डोर नहीं,
मेरी भीगी आँखों का पानी,
कभी करता कोई शोर‌ नहीं,
जो मेरी दुखती रग को पहचानें,
*       *       *          *         *
मुझ पर प्यार लुटाए बेसुमार,
तेरे बिन माँ मेरा जीवन है अंधकार,
तुम हो नदियां के पानी के जैसी,
जिसका कोई छोर नहीं,
माँ का दिल है एक समन्दर,
जिसमें नफरत का कोई शोर नहीं,
तेरे आँचल का सहारा मुझको,
माँ मिलता रहें जीवन भर,
हर दिन करूं गुणगान तेरा,
सदा करता रहूं तेरा आदर,
बंद आँखों से जान ले,
मेरे मन मन्दिर का भेद तूं माँ,
मेरी झोली में डाल कर रखती,
सारे जहां की खुशियां तूं माँ,
अपना सूख -चैन भूलकर,
कैसे तुम ने मुझे पाला है माँ,
तेरी ममता का कोई मोल नहीं,
तेरा प्यार सब से निराला है माँ
उंगली पकड़कर तेरी चलना,
तेरा बांहों में जकड़कर मुझको रखना,
उस दौर जैसा अब दौर नहीं,
मेरी भीगी आँखों का पानी,
कभी करता कोई शोर‌ नहीं,
जो मेरी दुखती रग को पहचानें,
वो मेरी माँ के सिवा कोई और नहीं,
*       *        *        *        *
मैं मांगू उस रब से मन्नत,
हर जन्म जुडे मेरा तुझ से नाता,
तुम हो एक शिक्षक के जैसे,
तुम्हारी तरह मुझे कोई और नहीं समझता,
तुम हो प्राणों से प्यारी,
तुम में बसती है जान हमारी,
रब के जैसे है तेरा सहारा,
माँ तुम हो अभिमान हमारा,
इस दुनिया की भीड़ में,
तेरे आँचल जैसा सकून कहाँ,
उस घर में रहता खुशियों का मेला,
माँ की पूजा होती है जहाँ,
मेरा बचपन बीता है जिस गोद में,
मैं दोनों हाथ जोड़कर करूं प्रणाम माँ,
तेरे संग है मेरे जीवन में उजाला,
हर शाम लगे मुझे सुहानी,
मेरी सांसें है करजाई तुम्हारी,
माँ पूरी करे मेरी हर मनमानी,
माँ तुझ से ज्यादा इस दुनिया में,
मुझको समझता कोई और नहीं,
मेरी भीगी आँखों का पानी,
कभी करता कोई शोर‌ नहीं,
जो मेरी दुखती रग को पहचानें,
वो मेरी माँ के सिवा कोई और नहीं,
*      *       *       *      *     *


























































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