Sunday, 31 December 2023

जीवन का सत्य (jeevan ka Satya)

तस्वीर से दो बातें कम कर लो,
दुआओं की बारीश होने लगती है,
माँ के पाँव को छूते ही,
*      *        *         *
माँ-बाप अपने बच्चे को प्यार करते हुए
जीवन का सत्य (jeevan ka Satya)



सारी उम्र मांगकर दुआएं,
जीव्हा माँ की नहीं थकती है,
हर कदम हटाए बाधाएं मेरी राहों की,
माँ के मुख से दुआएं कभी नहीं रूकती है,
माँ है एक अनमोल रत्न,
जिस किसी के हिस्से में आया है,
अपने सत्कर्मों का फल समझो,
इसी जन्म में पाया है,
बचपन में पकडा था जिस माँ का आंचल,
मैं अब भी उस माँ के पीछे चलता हूँ,
जाने से पहले मैं अपने घर से,
उस माँ के पाँव छूकर निकलता हूँ,
माँ है तो सब सुख अपने
माँ है तो सब पूरे सपने,
अलग ही रौनक छा जाती है घर में,
माँ के मुस्कराते ही,
तस्वीर से दो बातें कम कर लो,
दुआओं की बारीश होने लगती है,
माँ के पाँव को छूते ही,
*       *       *       *
जीवन के हर मोड़ पर,
मुझे बाधाओं से लडना सिखाया है
डरता नहीं मै आँधी-तूफां से,
माँ ने मुझको कुछ ऐसा ही बनाया है,
माँ बिन जीवन है क्या,
माँ है खुशियों का दरिया,
तेरे एहसानों का बदला माँ,
मैं सारी उम्र चुकाऊं तो कम है,
संग तेरे है ये दुनिया हसीं,
तुम हो तो हम हैं,
बहुत अहमियत रखता है,
घर में माँ की छाया का होना,
मैं कैसे भूल जाऊं बचपन की वो रातें,
माँ तुम्हारी जागती आँखों का सोना,
तुम्हारा दुध से मिला जीवन दान मुझे,
मेरी भूख-प्यास एक पल में मिट जाती थी,
माँ तुम्हारा दूध अमृत -सा पीते ही,
तस्वीर से दो बातें कम कर लो,
कद्र करो तुम जीते -जी,
दुआओं की बारीश होने लगती है,
माँ के पाँव को छूते ही
*      *        *         *
माँ की तस्वीर नहीं माँ को लगाओ सीने से,
अमीरों में होती है गिनती उस बेटे की,
जिसका हर दिन बीते माँ के संग ज़ीने में,
जीते जी माँ को यदि सारे सुख दे पाओगे,
तस्वीर को छूकर माँ की बाद में,
आंसू नहीं बहाओगे,
मेरा धर्म कर्म हर सुबह,
माँ की सेवा से होता है शुरू,
उसका दिल ना दुखे कभी मेरी वजह से,
मैं हर पल ये प्रयत्न करूं,
मेरे आंगन में उड़ती रहे,
माँ की पाँव की धूल सदा,
उसकी जुबान से निकला हर लफ्ज़,
मैं सर को झूकाकर करूं कबूल सदा,
माँ है सबसे जुदा,
माँ से प्यारा दुनिया में कोई और है क्या,
मेरे चेहरे पर मुस्कान के रंग आज भी,
मेरी माँ को बहुत भाते हैं जी,
तस्वीर से दो बातें कम कर लो,
कद्र करो तुम जीते -जी,
दुआओं की बारीश होने लगती है,
माँ के पाँव को छूते ही,
*      *        *        *

























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