Friday, 12 January 2024

बहू भी है बेटी हमारी (bahu bhi hai beti hamari )

अपनी बेटी है जान से प्यारी,
क्योंकी वो धड़कन है दिल के हमारी
जो छोड़कर आई है अपनी दुनिया सारी,
*      *      *       *
सास और बहु मुस्कराती हुई
 बहू भी है बेटी हमारी (bahu bhi hai beti hamari )


जो उठाए पूरे घर की जिम्मेदारी,
हर काम में दिखाए समझदारी,
सब की देखभाल में जिसका दिन बीते,
जो अपने काम से सबका दिल जीते,
जो अपना एश्यो-आराम,
सब घर पर छोड़कर आई है,
अपने सब कीमती रिश्ते-नाते,
पीछे छोड़कर आई है,
अपनी मीठी बातों से,
सबके दिल में एक जगह बनाई है,
सास-ससुर को माने,
अपने माता-पिता के जैसे,
हर छोटे-बड़े का मान करें,
मेहमानों का दिल से स्वागत करें,
ना किसी को कभी परेशान करे,
दिनभर की थकान हो या,
दिल कभी परेशान हो,
मुंह से कभी ‌उफ ना करें वो बेचारी,
अपनी बेटी है जान से प्यारी,
क्योंकी वो धड़कन है दिल के हमारी,
जो छोड़कर आई है अपनी दुनिया सारी,
*     *       *        *
बहु और बेटी को समझें एक समान,
बेटी है नादान अगर,
तो बहू भी हो सकती है नादान,
बहु के साथ भी कीजिए,
एक बेटी जैसा व्यवहार,
बहु और बेटी दोनों को दीजिए एक जैसा प्यार,,
शुरू- शुरू में होता है,
बहु के लिए हमारा घर अनजान,
अपने परिवार से अलग लग सकता है,
एक न‌ई बहु को हमारा परिवार,
इसी घर को मानेगी एक दिन वो अपना संसार,
बहु को संभलने का इस घर में,
थोड़ा वक्त तो दीजिए,
आप बड़े हो घर में अपने,
आप ही बडेपन की पहल कीजिए,
बहु के संस्कारों का मान करें,
दिल से उसका सम्मान करें 
वो‌ भी लाडली है अपने माता-पिता की,
जैसे हमें बेटी हमारी है ,
अपनी बेटी है जान से प्यारी,
क्योंकी वो धड़कन है दिल के हमारी
जो छोड़कर आई है अपनी दुनिया सारी,
वो बहू भी है बेटी हमारी,
*     *       *       *
जैसा व्यवहार आप बहु से चाहें,
बहु के साथ वैसा ही व्यवहार करें खुद भी,
जो भी बोलें सोच-समझकर,
ऐसे ही ना बोले कुछ भी,
बेटी की हर गलती जैसे माफ़ करें,
वैसे ही बहु के साथ भी इन्साफ करे, 
माता-पिता के जैसे आदर करेगी,
अगर रखोगे उसे बेटी बनाकर,
बहु भी आपके घर में आ‌ई है,
अपने दिल में रंग-बिरंगे सपने सजाकर,
कुछ वक्त के बाद बहु भी संभल जाएगी,
जब वह आपके परिवार में घुल-मिल जाएगी,
हर बात पर रोक -टोक ना कीजिए,
जैसे अपनी बेटी को कभी नहीं रोका,
बहु को भी मिलना चाहिए घर में,
अपनी बात बोलने का पूरा -पूरा मौका,
बहु को भी पलकों पर बिठाकर रखें,
बनाकर रखिए उसकी मान-मर्यादा
परिवार को सारे जोड़ कर रखेगी,
ये बहु की भी है जिम्मेदारी,
अपनी बेटी है जान से प्यारी,
क्योंकी वो धड़कन है दिल के हमारी
जो छोड़कर आई है अपनी दुनिया सारी,
वो बहू भी है बेटी हमारी,
*        *         *        *






























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