माँ का आशीर्वाद (maa ka aashirvad )
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माँ का आशीर्वाद (maa ka aashirvad ) |
दौलत-शौहरत का मोह नहीं मुझको,
बस तेरा मुख देखुं सदा मुस्कराता,
जब तक देख ना लूं,
तुझे मुस्कराते हुए,
मेरे दिल को चैन नहीं आता।
* * * * *
श्रवण जैसे संस्कार हैं तेरे,
बस तुम उनपे चलते रहना।
छोटे - बड़े का, सम्मान दिल से,
हर पल करते रहना।
दुख - दर्द हर ले नीलकंठ उसके,
जो कभी किसी को नहीं सताता,।
दौलत-शौहरत का मोह नहीं मुझको,
बस तेरा मुख देखुं सदा मुस्कराता।
* * * * *
इस कोख से तुमने जन्म लिया,
ये कोख है बडे नसीबों वाली।
जो भी फकीर आए तेरे दर पे,
जाए ना वो कभी खाली,
जो नीयत रखता साफ सदा,
वो थोड़े मे भी बरकत है पाता,
दौलत-शौहरत का मोह नहीं मुझको,
बस तेरा मुख देखुं सदा मुस्कराता।
* * * *
मै रहूँ सदा या ना रहूँ,
तुं मेरे संस्कारों से पहचाना जाएगा,
जब भी होगी चर्चा गलियारों में,
तेरी पहचान के साथ मेरा नाम भी आएगा,
जिन्दगी खुशहाल बन जाती है उसकी,
तू करना हर पल प्यार का बखान ,
मीठे बोल की करे बरसात हर वक्त तेरी जुबान ,
मेहर करे नीलकंठ उस पर सदा ,
जो हर पल गीत खुशी के गाता,
दौलत-शौहरत का मोह नहीं मुझको,
जो हर पल गीत खुशी के गाता,
दौलत-शौहरत का मोह नहीं मुझको,
बस तेरा मुख देखुं सदा मुस्कराता।
* * *
नफरत ना कभी दिल में पालना,
ये बीज जहर का बोए,
हो जाए गायब सुख-चैन घर का,
दिन मे मिले ना आराम इक पल,
ना रात को चैन से सोए।
* * *
नफरत ना कभी दिल में पालना,
ये बीज जहर का बोए,
हो जाए गायब सुख-चैन घर का,
दिन मे मिले ना आराम इक पल,
ना रात को चैन से सोए।
तूं रहे सदा आबाद इस दुनिया में ,
हर रिश्ते को रहे तूं दिल से निभाता,
दौलत-शौहरत का मोह नहीं मुझको,
बस तेरा मुख देखुं सदा मुस्कराता।
* * * *
दीन -दुखी कोई जाये ना दर से खाली ,
जिसने इनके लिए दिल में प्रीत है जगाली ,
नीलकंठ करे उसकी रखवाली ,
दीन-दुखी की जो मदद करे,
उसका जुड जाए नीलकंठ से नाता,
दौलत-शौहरत का मोह नहीं मुझको,
बस तेरा मुख देखुं सदा मुस्कराता।
उसका जुड जाए नीलकंठ से नाता,
दौलत-शौहरत का मोह नहीं मुझको,
बस तेरा मुख देखुं सदा मुस्कराता।
by- राम सैणी
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