Monday, 2 October 2023

माँ के पास वापसी (maa ke pass vapsi )

इस अनाथ‌-आश्रम में अब तुमको ना रहने दुंगा,
भटक गया था कुछ पल के लिए मैं फर्ज से अपने,
अब तुमको और दुख ना सहने दुंगा।
*       *       *       *         *

माँ अपने बेटे को कुछ दिखती हुई
माँ के पास वापसी (maa ke pass vapsi )


मैं इस न‌ए ज़माने की चमक में,
कुछ पल के लिए हो गया था ऐसा दीवाना,
मैं मान बैठा था बोझ तुमको,
करके तुम्हें इस अनाथ‌-आश्रम के हवाले,
मैं हो गया था तुम से बेगाना,
मैं भूलकर फर्ज अपना कुछ पल के लिए ,
चला था अनजान राहों पर,
मैं भूल बैठा था वो बचपन की यादें,
माँ कैसे तुम प्यार करती थी मुझको,
उठाकर अपनी बांहों पर,
माँ के जैसा कोई प्यार करे,
ये तो खाली एक सपना है,
माँ के संग बांटेंगे हर ग़म,
इस जहान में माँ का आँचल ही घर अपना है,
बहुत बहा लिए हैं माँ तुमने,
अपनी इन आँखों से आंसू,
अब और आंसू ना बहने दुंगा,
इस अनाथ‌-आश्रम में अब तुमको ना रहने दुंगा,
भटक गया था कुछ पल के लिए मैं फर्ज से अपने,
अब तुमको और दुख ना सहने दुंगा।
*         *         *         *        *
माँ तुम्हारा दिल बहुत बड़ा है,
तुम कंई बार अकेले में रो देती हो,
मैं कितने भी करूं गुनाह मगर,
तुम एक पल में मेरे सब गुनाह धो देती हो,
माँ तुम्हारी आँखों के आंसू हैं,
गंगा माँ के पानी के जैसे,
मैं आगे से इनको रखुंगा संभाल कर ,
तुम्हारे दिए संस्कारों पर मैं चलूंगा सदा,
जीवन की राहों में हर कदम रखुंगा देखभाल कर,
मैं अपनी ग़लती पर माँ बहुत शर्मिन्दा हूँ,
मुझे सदा दुख रहेगा इस बात का ,
मैं कैसे चुकाऊंगा ऋण,
तुम्हारी जागकर बिताई हर रात का ,
माँ,ना मै खुद कहुंगा भला -बुरा तुमको,
किसी और को भी अब ना कहने दुंगा,
इस अनाथ‌-आश्रम में अब तुमको ना रहने दुंगा,
चलो माँ वो ही अपने घर पुराने,
भटक गया था कुछ पल के लिए मैं फर्ज से अपने,
अब तुमको और दुख ना सहने दुंगा।
*      *        *         *        *
माँ,बेटे की टूटी झोपड़ी में भी,
खुश होकर रह लेती है,
नहीं चाहत हैं उसको ऊँचे मकानों की,
माँ रहती है उनकी अनाथ‌-आश्रम में,
बहुत लम्बी कतार है इस दुनिया में,
ऐसे ऊँचे धनवानों की,
मेरी सबसे प्रार्थना है ये ही,
माँ की अराधना है सही,
माँ के मुस्कराने से घर में,
खुशियों की हवाएं बहती है,
रब का पहरा होता है उस घर में,
जहाँ औलादें माँ के पाँव में,
दिन-रात सर झुकाए खड़ी रहती हैं,
रब की माया माँ का साया ,
हर घर में कायम रहे,
माँ है सौगात रब की,
माँ जन्मदाती है हम‌ सब की ,
मेरी कोशिश रहेगी माँ सदा,
तेरी सेवा में कोई कमी अब ना रहने दुंगा,
इस अनाथ‌-आश्रम में अब तुमको ना रहने दुंगा,
चलो माँ वो ही अपने घर पुराने,
भटक गया था कुछ पल के लिए मैं फर्ज से अपने,
अब तुमको और दुख ना सहने दुंगा।
*       *       *       *       *      *






















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