Wednesday, 11 October 2023

मेरे दिन बदल गए (mere din badal gaye )

बेटी है घर की शान,
फिर बेटी क्यों पराई है,
जब से मेरे घर बेटी आईं हैं,
*     *      *       *

बेटी अपनी माँ से प्यार करती हुई
मेरे दिन बदल गए  (mere din badal gaye )

बेटी है अभिमान है मेरा ,
बेटी से है घर का सम्मान मेरा,
पिता अमीर हो या गरीब,
बेटी होती है पिता के दिल के सबसे करीब,
बेटियां निभाती साथ अन्तिम सांस तक अपना,
वो सदा लेके जाती है जायज हक अपना,
जितना मिल जाए इज्जत से,
बेटियां उतने में ही खुश हैं,
मात-पिता के सुख में ढूंढती हैं,
बेटियां अपना सुख हैं, 
इनको भी छूने दो नीले आसमान को,
ये भी चाहती है की इनके नाम से ,
मात-पिता की पहचान हो ,
हर काम में खुद को करती हैं साबित,
जब जब भी इनकी बारी आई है,
बेटी है घर की शान,
फिर बेटी क्यों पराई है,
जब से मेरे घर बेटी आईं हैं,
*       *        *      *        *
बेटी है आँखों का काजल,
बेटी है महकते फूलों की क्यारी,
उसके संग जुडी है खुशियां घर की,
वो बनकर रहती जान हमारी,
बेटी हम पर बोझ कब थी,
वो है एक वरदान के जैसे,
बेटी संग है रौनक घर की,
बेटी है एक सम्मान के जैसे,
नाज नखरे बेटियों के,
हम सब हंसकर उठाते है,
बेटियों संग रिश्ते दिल के,
हम पूरी उम्र निभाते हैं,
हर मुश्किल हालातों को बेटियां,
हंसकर सह जाती है,
दिल का भेद ना बताएं मात-पिता को,
बिन बोले ही सब कुछ कह जाती है,
उस घर में खुशियों के रंग बिखेरने लगते हैं,
जिस घर में बेटियां पलकों पर बिठाई हैं,
बेटी है घर की शान,
फिर बेटी क्यों पराई है,
मेरे दिन बदलने लगे हैं,
जब से मेरे घर बेटी आईं हैं,
*        *     *         *
अपनी सूझ-बूझ से बेटियां,
जीत लेती हैं दिल सबका,
बेटियां सबसे प्यारा उपहार हैं रब का,
मात-पिता से बेटों जैसा,
ये प्यार मांगती हैं,
बेटों के बराबर समझे परिवार में इनको ,
बेटियां इतना-सा सत्कार मांगती हैं,
जितना दर्द बेटे को पैदा करने में तुमने साहा था माँ,
उतना ही दर्द मुझे पैदा करने में , 
बेटी भी है मेरे जिगर का टुकड़ा,
तुम ने मुझे गले से लगाकर उस वक्त कहा था माँ,
ये दुनिया मुझे दिखाने का शुक्रिया माँ,
मुझ पर इतना एतबार दिखाने का,शुक्रिया माँ ,
मुझे पलकों पर बिठाने का,
सीने से लगाकर अपना दूध पिलाने का शुक्रिया माँ
हे ईश्वर धन्यवाद तेरा,
मेरे हिस्से में भी माँ की अनमोल प्रीत आईं हैं
बेटी है घर की शान,
फिर बेटी क्यों पराई है,
मेरे दिन बदलने लगे हैं,
जब से मेरे घर बेटी आईं हैं 
*        *         *       *








































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