Tuesday, 3 October 2023

गुरु शिक्षक:धन्यवाद माँ (Guru shikshak :Dhanyavad Maa )

हर पल मेरे सपने पूरा कर दिखाने का,
धन्यवाद माँ मुझे इतना काबिल बनाने का ,
धन्यवाद माँ मेरे नाज -नखरे उठाने का,
*     *        *        *        *

https://maakavita3.blogspot.com/2023/10/Guru-shikshak-Dhanyavad-Maa .html माँ को प्यार से चूमता हुआ-
गुरु शिक्षक:धन्यवाद माँ (Guru shikshak :Dhanyavad Maa )


मुझको पता है माँ तुम सबसे महान हो,
मेरी खुशियों का माँ तुम आसमान हो,
मेरे चेहरे पर छाई तुम एक मुस्कान हो ,
तेरे प्यार के रंग से रंगा है जीवन मेरा सारा,
तुम्हारा कद है  ईश्वर से ऊँचा,
तेरे बिना माँ ना होगा एक पल भी मेरा गुजारा,
मुझे ना कोई ऐसे पलकों पर,
बिठाकर रखें माँ एक तेरे सिवा,
तुम सब कुछ भूलाकर एक पल में माँ,
माफ कर देती हों मेरे सब गुनाह,
इस दुनिया में सबसे प्यारा एक ही नाम है माँ,
जिसका आँचल है एक विशाल दरिया,
जो देती है सबको अपने आँचल में पनाह,
धन्यवाद माँ मेरे सुर से अपना सुर मिलाने का,
हर पल मेरे सपने पूरा कर दिखाने का,
धन्यवाद माँ मुझे इतना काबिल बनाने का ,
धन्यवाद माँ मेरे नाज -नखरे उठाने का
*      *       *        *          *
माँ तुम हो इस दुनिया में सबसे जुदा,
तुम हो मेरी जीवनदाती तुम ही हो पालनहार,
माँ दोनों रूप हैं मुझे तुम्हारे सबसे प्यारे,
इस धरती पर माँ आसमान पर खुदा,
तुम मेरे  दिल की धड़कन बनकर ,
मेरे दिल में धडक रही हो माँ,
मैं पलकें बिछा दुंगा उन राहों में,
जिन राहों पर पड़े तुम्हारे पाँव,
मैं कितना किस्मत वाला हूँ माँ,
मेरे जीवन पर है तुम्हारे प्यार की छाँव,
तुम एक चमकता तारा हो इस नीले आसमान का,
तुम्हारे हाथों में है पूरे घर की कमान माँ,
देखकर खुशी तुम्हारे चेहरे की ,
खुश होता है ये नादान माँ,
धन्यवाद माँ मेरी हारी हुई बाजी ,
फिर से जीताने का,
हर पल मेरे सपने पूरा कर दिखाने का,
धन्यवाद माँ मुझे इतना काबिल बनाने का ,
गुरु बनकर मुझे न‌ई राह दिखाने का,
धन्यवाद माँ मेरे नाज -नखरे उठाने का,
*      *        *         *        *
मैं हूँ कागज की एक पतली पतंग माँ,
मेरे दिल की डोर जुड़ी है तुम्हारे संग माँ,
तुम्हारा हाथ रहेगा जब तक सर पर हमारे,
हम जीत जाएंगे जीवन की हर जंग माँ,
मैं मानता हूँ खुद को मिट्टी तुम्हारे पाँव की,
तुम्हारे प्यार की सुगंध फैली है,
हवाओं में हमारे गाँव की,
सबसे मुश्किल है इस दुनिया में ,
बनना माँ के जैसा ,
माँ साथ है जब तक फिर डरना है कैसा,
तुम्हारे हाथों में वो ताकत है माँ,
जो बदल दे मेरी किस्मत की लकीरों को,
तुम हो एक मसीहे के जैसी,
जो खुशी में बदल दे मेरी गम की जंजीरों को,
जिस मजबूत डोर से बंधे हैं हम दोनों,
वो रास्ता दिल से होकर जाता है ,
जो कर ना सके जीते जी सम्मान माँ का,
वो हर‌ घड़ी जीवन में ठोकर खाता है 
धन्यवाद माँ मेरी सोई किस्मत जगाने का,
हर पल मेरे सपने पूरा कर दिखाने का,
धन्यवाद माँ मुझे इतना काबिल बनाने का ,
गुरु बनकर मुझे न‌ई राह दिखाने का,
धन्यवाद माँ मेरे नाज -नखरे उठाने का,
*       *          *          *         *





















0 Comments:

Post a Comment

Subscribe to Post Comments [Atom]

<< Home