Wednesday, 4 October 2023

माँ के प्यार की महक (maa ke pyar ki mahak )

माँ कितना सोचती है मेरे लिए,
मैं कौन -कौन से सुनाऊं उसके किस्से,
सोने का गौरव माँ ने मुझे दिया है,
*       *         *         *         *

माँ अपने बेटे को चूमती हुई
माँ के प्यार की महक (maa ke pyar ki mahak )


माँ जो भी ख्वाब देखती है मेरे लिए,
उनको जी -जान से पूरा करती है,
मेरे चेहरे पर रहे सदा मुस्कान बिखरी,
इसलिए माँ हर इम्तिहान को पार कर गुजरती है,
माँ के बलिदान और त्याग की ,
बड़ी लम्बी कतार है,
हालात कैसे भी रहे हों हमारे,
माँ डटकर लडी हर बार है,
वो खींच लेती है हाथ पकड़कर,
अगर हम कभी फंस जाएं तुफानों में,
जब तक देख ना ले माँ मुख मेरा,
उसे चैन नहीं मिलता पत्थर के मकानों में,
ऊँचे हौंसले शान हैं उसकी,
मुझ में बसती जान है जिसकी,
घनी छाँव में बैठने का गौरव माँ ने मुझे दिया है,
तेज धूप में जलना आया है माँ के हिस्से,
माँ कितना सोचती है मेरे लिए,
मैं कौन -कौन से सुनाऊं उसके किस्से,
सोने का गौरव माँ ने मुझे दिया है,
*       *         *        *        *       *
माँ गीले बिस्तर पर भी रात गुजार लेती है,
मैं ये सोचकर हूँ हैरान,
मैंने सुना है माँ का कर्ज सात जन्म भी,
उतार नहीं सकते हम,
इसलिए संत-फकीरों ने माँ को बताया है महान,
माँ की हर खुशी हर सुख सिर्फ हमारे लिए हैं,
मैं जुबान से बयां नहीं कर सकता की,
हमारे लिए माँ ने कितने उपकार किए हैं,
माँ अपने हिस्से का निवाला भी,
मेरे मुख में डाल दें,
माँ मुझे बताती है जीवन की राहों में,
हर कदम रखना देखभाल के,
माँ सोते -जागते हर पल मुझे प्यार दे,
हर घड़ी मुझे अपने प्यारे मुख से,
माँ दुआएं हजार दे,
माँ ने भरपेट खाने का गौरव मुझे दिया है,
खुद भुखे पेट रहना आया है माँ के हिस्से,
माँ कितना सोचती है मेरे लिए,
मैं कौन -कौन से सुनाऊं उसके किस्से,
सोने का गौरव माँ ने मुझे दिया है,
जागकर रात गुजारना आया है माँ के हिस्से,
*        *          *          *       *
माँ लेकर आई है अपने हिस्से,
सब दूख-दर्द पर क्यों,
लोग रब को ढूंढते हैं मन्दिर -मसजिद में,
पर माँ मेरा रब है तूं,
कौन कहे माँ के बिन,
सब सुख मिलें इस संसार में,
खाली है जीवन खाली है घर,
रौनक गायब हो जाती है सबके चेहरों से,
दिल नहीं लगता एक पल भी घर -परिवार में,
सब रंगों से न्यारे हैं माँ रंग तेरे प्यार के,
तेरे चेहरे पर सदा महकते रहें माँ रंग‌ बहार के,
माँ तेरे हाथों का स्पर्श मेरे मन को बहुत भाए,
तेरी कोख का करजाई मैं रहूंगा सदा माँ ऐ,
माँ ने चेहरे पर मुस्कान रखने का,
गौरव मुझे दिया है,
चेहरे पर हजारों गम रखना आया है माँ के हिस्से ,
माँ कितना सोचती है मेरे लिए,
मैं कौन -कौन से सुनाऊं उसके किस्से,
सोने का गौरव माँ ने मुझे दिया है,
*        *        *         *         *          *





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