Tuesday, 19 September 2023

पिता मेरा आसमान (pita mera aasman )

माँ के लिए तो बहुत हम बोलते हैं,
पर पिता के लिए थोड़ा कम बोलते हैं,
हाँ माँ-माँ कहते नहीं थकती मेरी जुबान,
*       *        *         *

पिता का हाथ पकडे एक बच्चा
पिता मेरा आसमान (pita mera aasman )


आसमान से ऊँचा है कद उसका,
आसरा है उसका रब जैसा,
माँ को पूजते हैं हम दिल -जान से पर,
घर में जिक्र ना हो पिता का,
शायद कोई भी लम्हा आया हो ऐसा,
पिता के जैसा राजा नहीं है,
कोई इस जहान में,
दौलत से चाहे वो धनवान नहीं,
पर सर झुकता है उसके सम्मान में,
सब इच्छाएं अपनी मारकर,
पिता खुश होता है,
अपने हिस्से के सुख हम पर वार कर,
पिता मुंह से कभी उफ़ ना करें,
मगर दिल पर लगे उसके ज़ख्म बोलते हैं,
माँ के लिए तो बहुत हम बोलते हैं,
पर पिता के लिए थोड़ा कम बोलते हैं,
हाँ माँ-माँ कहते नहीं थकती मेरी जुबान,
*      *        *        *
पिता पूरा करें हमारा हर सपना ,
हमारा सपना पूरा करने के लिए,
पिता हर दुख भुल जाता है अपना,
हमारे घर की पहचान है इसी से,
पिता सोचता है कि मेरे बच्चे,
इस जहान में पीछे ना रहें किसी से,
देखकर हमारे चेहरे की मुस्कान,
पिता अपनी भूल जाएं,सारी थकान,
बच्चे खुश तो पिता खुश,
इतने में ही पिता अपना रखना भूल जाएं ध्यान,
पिता कभी नहीं भागता,
अपने घर की जिम्मेदारी से,
वो हर फर्ज निभाए पूरी ईमानदारी से,
हाथ फेरना कभी पिता के दुखते पाँव पर,
छाले पिता के पाँव के उसके भेद खोलते हैं,
माँ के लिए तो बहुत हम बोलते हैं,
पर पिता के लिए थोड़ा कम बोलते हैं,
हाँ माँ-माँ कहते नहीं थकती मेरी जुबान,
तो पिता है मेरा आसमान।
*        *        *        *
माँ तो सीने से लगाकर बच्चों को,
अपना प्यार जता देती है,
वो करती है कितना प्यार,
एक पल में बता देती है,
पिता का स्वभाव माँ से एकदम जुदा है,
माँ अगर है मेरे तन-मन पर छाई,
तो पिता मेरा खुदा है,
पिता की जुबान पर रहता है,हर वक्त हाँ जी,
पिता है मेरी जीवन रूपी नौका का मांझी,
मेरी जीवन रूपी नौका को ,
कभी फसने ना दे बीच मझधार,
हाथ थामकर हमारा लगाए हमको पार,
पिता का हौंसला है पर्वत से ऊँचा,
पर्वत और आसमान सभी गुण गाते है पिता के,
जब भी वो मुंह खोलते है,
माँ के लिए तो बहुत हम बोलते हैं,
पर पिता के लिए थोड़ा कम बोलते हैं,
हाँ माँ-माँ कहते नहीं थकती मेरी जुबान,
तो पिता है मेरा आसमान।
*      *       *       *

















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