Wednesday, 26 April 2023

माँ की कोख

माँ के चरणों में स्वर्ग के सारे, 
सुख बरसते हैं। 
माँ की कोख पाने के लिए, 
देवता भी तरसते हैं। 


बेटा अपनी माँ के चरणों में बैठा हुआ


*     *       *     *
तुम ने पूरा जीवन अगर, 
माँ के चरणों में गुजार दिया, 
समझ लेना माँ की कोख का थोड़ा कर्ज, 
इस जीवन में उतार दिया, 
माँ अपने आँचल  में छुपा लेती है, 
जब औलाद पर गम के बादल गरजते हैं  
माँ के चरणों में स्वर्ग के सारे, 
सुख बरसते हैं। 
*      *       *       *
माँ की सेवा का मौका मिलता है तकदीरों से, 
कमा लेगा तु दौलत-शौहरत, 
कुछ मेहनत करके, 
कुछ माथे की लकीरों से, 
माँ के चरण हैं स्वर्ग का दरवाजा, 
जो खुल जाए तो खुशियों के बादल बरसते हैं  
माँ के चरणों में स्वर्ग के सारे, 
सुख बरसते हैं। 
*       *         *
माँ रूठे तो रब रूठे, 
ये कह गए लोग शयाने, 
माँ खुश हैं तो रब खुश  
कोई माने या ना माने, 
जिस  जगह पर हो माँ की निंदा, 
हम वहां से नहीं गुजरते हैं  
माँ के चरणों में स्वर्ग के सारे, 
सुख बरसते हैं। 
*      *       *       *
माँ की दुआएं जीवन संवार दे, 
गम हो चाहे खुशी वो हर पल प्यार दे, 
थक हार कर अगर हम रूक जाएं, 
कभी जीवन की राहों में, 
वो दोबारा जोश भर देती है, 
लेकर हमे अपनी बाहों में, 
जब तक माँ  है कदर करो उसकी, 
कैसे गुजरता है एक - एक पल ये पुछो उनसे, 
जो बिन  माँ के तरसते हैं। 
माँ के चरणों में स्वर्ग के सारे, 
सुख बरसते हैं। 
*     *       *
creater- राम  सैणी





Tuesday, 18 April 2023

माँ - बाप के बिन जीवन


कैसे  कटते हैं एक- एक दिन,
किस हाल में  हम जीते हैं,
दुनिया के  सब रंग गायब हो  जाते हैं उनके,
जो  जीते हैं माँ - बाप के बिन।
*        *          *          *         *
जीवन में हर चीज की  कमी सह लेते हैं हम,
माँ - बाप को छोड़कर,
कांटों भरी हो जाती है  जिन्दगी,
खुशियाँ  चली जाती हैं हमसे मुह मोड़कर,
हर खुशी के लिए  तरसते हैं,
हर वक़्त जहर गमों का पीते हैं
कैसे  कटते हैं एक- एक दिन,
किस हाल में हम  जीते हैं।
*        *          *         *
अपने  बच्चों को जब प्यार करे कोई,
दिल  खुश  हो  जाता है ये मंजर देखकर,
सोचते हैं  काश हमारा भी होता कोई,
पीड पराई कौन जाने जिसका लगे वो ही  जाने,
कौन जाने कैसे  हम हर रोज,
अपने  जख्मों को  सीते हैं,
कैसे  कटते हैं एक- एक दिन,
किस हाल में हम  जीते हैं।
*        *          *         *
माँ शब्द सुनने को  तरस जाते हैं कान हमारे,
कहने को तो पूरा  जमाना  है अपना
हमे भी प्यार  करेगा  कोई,
ये सोचना हमारे  लिए  एक  सपना है
दिन  गुजर जाता है ठोकरें  खाते - खाते,
रात गूजर जाती है तारे गिन - गिन,
दुनिया के  सब रंग गायब हो  जाते हैं उनके,
जो  जीते हैं माँ - बाप के बिन।
*         *          *           *
प्यार देने वाले तो बहुत  मिलते हैं,
पर माँ  के  जैसा कोई  ना,
शायद ही  कोई  ऐसा  दिन गुजरता है,
जिस दिन  हमारी  आँखें माँ  के  लिए  हों रोई ना,
अब  कुछ  समझ आने लगी है इस दुनिया की,
रातें  गुजार दी हैं हमने जागकर,
और दिन हमारे  रो-रोकर बीते हैं,
कैसे  कटते हैं एक- एक दिन,
किस हाल में  हम जीते हैं।
*      *        *         *

creater- राम सैणी

https://maakavita3.blogspot.com

Saturday, 15 April 2023

माँ का आशीर्वाद (maa ka aashirvad )

माँ अपने बेटे को देखती हुई
माँ का आशीर्वाद (maa ka aashirvad )


दौलत-शौहरत का मोह  नहीं मुझको,
बस तेरा मुख देखुं सदा मुस्कराता,
जब तक देख ना लूं,
तुझे  मुस्कराते  हुए,
मेरे दिल  को चैन नहीं  आता।
*       *        *          *         *
श्रवण जैसे संस्कार हैं तेरे,
बस तुम  उनपे चलते  रहना।
छोटे - बड़े का, सम्मान दिल से,
हर पल  करते  रहना।
दुख - दर्द हर ले नीलकंठ उसके,
जो कभी किसी को नहीं सताता,।
दौलत-शौहरत का मोह नहीं मुझको,
बस तेरा मुख देखुं सदा मुस्कराता।
*      *       *         *         *
इस कोख से तुमने जन्म लिया,
ये कोख है बडे नसीबों वाली।
जो भी  फकीर आए तेरे दर पे,
जाए ना वो  कभी  खाली,
जो नीयत  रखता साफ सदा,
वो थोड़े  मे भी  बरकत है  पाता,
दौलत-शौहरत का मोह नहीं मुझको,
बस तेरा मुख देखुं सदा मुस्कराता।
*       *        *           *
मै रहूँ सदा या ना रहूँ,
तुं मेरे  संस्कारों से पहचाना जाएगा,
जब भी होगी चर्चा गलियारों में,
तेरी पहचान के साथ मेरा नाम भी आएगा,
जिन्दगी खुशहाल बन जाती है उसकी,
तू करना हर पल प्यार का बखान , 
मीठे बोल की करे बरसात हर वक्त तेरी जुबान , 
मेहर करे नीलकंठ उस पर सदा ,
जो हर पल गीत खुशी के गाता,
दौलत-शौहरत का मोह नहीं मुझको,
बस तेरा मुख देखुं सदा मुस्कराता।
*           *            *           
नफरत ना कभी  दिल में  पालना,
ये बीज जहर का बोए,
हो जाए गायब सुख-चैन घर का,
दिन मे मिले ना आराम इक पल,
ना रात को चैन से सोए।
तूं रहे सदा आबाद इस दुनिया में ,
हर रिश्ते को रहे तूं दिल से निभाता,
दौलत-शौहरत का मोह नहीं मुझको,
बस तेरा मुख देखुं सदा मुस्कराता।
*           *           *          *
दीन -दुखी कोई जाये ना दर से खाली ,
जिसने इनके लिए दिल में प्रीत है जगाली ,
नीलकंठ करे उसकी रखवाली ,
दीन-दुखी की जो मदद करे,
उसका जुड जाए नीलकंठ से  नाता,
दौलत-शौहरत का मोह नहीं मुझको,
बस तेरा मुख देखुं सदा मुस्कराता।

by- राम सैणी

https://maakavita3.blogspot.com

Friday, 14 April 2023

स्पर्श माँ के हाथों का


स्पर्श  माँ के  हाथों का,
मुझे  बहुत  प्यारा लगता है।
भर देता है  जोश दिल में, फिर
हर काम  मे मन हमारा  लगता है
*         *           *            *
उसके  स्पर्श में  एक जादू है,
जो हर ले सारे  दुख  हमारे,
अपना दुख - दर्द भूलकर,
जिसे प्यारे लगें सुख हमारे,
साथ हमारे  खुश  रहे वो,
हमे भी  उसका साथ  प्यारा लगता है।
स्पर्श  माँ के  हाथों का,
मुझे  बहुत  प्यारा लगता है।
*       *         *           *
जब वो हाथ  फेरे सर पर,
उत्तर जाए  दिनभर की  थकान,
यूं ही  नहीं  बोलते  लोग,
माँ को  महान।
*        *         *
कभी समेटे आँचल  में  अपने,
कभी गुस्से से  आँख दिखाए,
ये गुस्से वाला चेहरा  तुम्हारा,
देखने को  जी दोबारा  करता है।
स्पर्श  माँ के  हाथों का,
मुझे  बहुत  प्यारा लगता है।
*         *          *           *
माँ हमेशा बच्चों के लिए जीए,
चाहे  तन पर  हों कम कपड़े,,
चाहे  भुखा पडे उसे  रहना,
कुछ  भी  कर  जाए उनकी,
एक  मुस्कान के लिए,
*       *         *         *
तेरा  आँचल सदा मुझे,
खुशियों का एक  पिटारा  लगता है।
स्पर्श  माँ के  हाथों का,
मुझे  बहुत  प्यारा लगता है।
खिल जाए मन फूलों की तरह,

माँ  तेरा हर रूप मुझे  प्यारा  लगता है।
*        *         *          *            *

creater -  राम  सैणी

https://maakavita3.blogspot.com

Thursday, 13 April 2023

माँ के रिश्ते जैसा ना कोई


माँ  के  रिश्ते  जैसा रिश्ता, 
ना दूजा कोई इस  जहान में,
जिसने कभी  कोई  कमी  ना ,
आने  दी, हमारी  शान में।
*       *         *        *
कभी  काला टीका  लगाकर कान के  पिछे,
नजर  हमारी  उतार दें।
कभी  गोद में बिठाकर हमें,
दुलारती  है  प्यार से,
आ जाए जो औलाद पे मुशिबत,
तो ऐसे हो जाए जैसे  तीखी
तलवार  हो म्यान में।
*       *         *        *
माँ  के  रिश्ते जैसा रिश्ता,
ना दूजा कोई इस  जहान में।
*        *        *          *
पल में  गुस्सा पल में  प्यार,
माँ  की डांट  है  एक  प्यारा  उपहार,
कभी गुरु बनकर हमें  सबक सिखाए,
कभी  आँख  दिखाकर हमें  डराए
रूठ जाऊं मैं  अगर तो मुझे मनाए,
और  ना मानूं तो मेरे संग  बच्चा  बन जाए।
*        *          *           *          *
मै हंसु तो वो हंसे मै रोऊं तो वो रोए,
मै जागुं तो वो जागे मै सोऊं तो वो सोए,

एक  किलकारी अगर मार दूँ, 
तो वो दौडी चली आए,
फिर  देखें  ना वो आगे - पिछे,
उसे कुछ समझ ना  आए।
उतार  के मेरे सर से भलांए,
वो थुके आसमान में,
*         *          *
माँ  के  रिश्ते  जैसा रिश्ता, 
ना दूजा कोई इस  जहान में।
हाथ  पकड के  चलना सिखाए,
मन्द-मन्द अकेली  मुस्काए,
जिसकी  जान बसी हो, 
हमारी  जान  में
*          *        *            *
माँ  के  रिश्ते जैसा रिश्ता,
ना दूजा कोई इस  जहान में।
*         *          *            *

creater- राम  सैणी

https://maakavita3.blogspot.com


Tuesday, 11 April 2023

माँ के दूध का कर्ज


माँ  के  दूध  का  कर्ज  हम पर,
हर जन्म  उधार  रहेगा।
ये सिलसिला  यूं  ही  चलता  रहेगा,
जब तक  ये संसार  रहेगा।
*        *         *            *
उसके  दूध  का  हक हम,
थोड़ा  - सा अदा  कर पाएंगे।
अगर  चेहरे पर उसकी,
थोड़ी  सी मुस्कान  रख पाएंगे। 
देख  मुस्कान माँ की रब भी  मेहरबान,
हर बार  रहेगा।
*       *          *          *           *
माँ  के  दूध  का  कर्ज  हम पर,
हर जन्म  उधार  रहेगा।
*        *          *         *
उसके चेहरे की चमक बताती है,
की वो कितने  सकून  मै है।
माँ  को  दिल मे बसाना,
माँ  से प्यार  जताना  ये मेरे  खून मे है।
चाकर बनकर रहूँ  मैं तेरा उम्र भर,
ऐसे ही  ये प्यार  बरकरार  रहेगा।
*         *         *         *           *
माँ  के  दूध  का  कर्ज  हम पर,
हर जन्म  उधार  रहेगा।
*       *         *         *
जिस  घर में  माँ का  हंसता-
मुस्कराता चेहरा  मिले।
उस घर में  खुशियों के  फूल हर पल  खिलें,
माँ  है तो सारा  जहान  है,
बिन माँ के सब बेजान है।
माँ  खुश तो  रब  खुश,
प्यार की खुशबुं से  महकता,
वो घर - द्वार  रहेगा।
*         *          *            *
माँ  के  दूध  का  कर्ज  हम पर,
हर जन्म  उधार  रहेगा।
*        *          *          *

creater- राम  सैणी

https://maakavita3.blogspot.com

Saturday, 8 April 2023

माँ को माँ ही रहने दो



  • माँ सर पर पानी का घड़ा और गोद में बच्चे को उठती हुई

    बेशक, मत समझो माँ को, 
    ममता की मूरत  
    बेशक मत समझो उसे मन्दिर की देवी, 
    वो जिस हाल में है चाहे उसे वैसी ही रहने दो। 
    हमारी वजह से कभी दुख ना पहुँचे ,
    बेशक मा को माँ ही रहने दो । 
    *      *        *         *        *
    पहले माँ - बाप खांए, 
    फिर खाओ  तुम कोई निवाला, 
    अगर करोगे ऐसा कर्म, 
    तो मेहर करेगा ऊपरवाला। 
    हमारा मुख देखकर जो मुस्कराये ,
    जो रिश्ता अपना दिल से निभाए ,
    जो कभी अपनी आँखों से ना ओझल होने दे ,
    जो बेमतलब हमें कभी रोने ना दे,
    ना उसको दुःख कोई सहने दो ,
    हमारी वजह से कभी दुख ना पहुँचे ,
    बेशक मा को माँ ही रहने दो । 

    *       *       *          *
    बेशक मत करो माँ की पूजा, 
    मत बनो उसके बुडापे का  सहारा,
    उसका चाहे थोड़ा करो गुणगान ,
    जिसने हर घडी हम पर किया है उपकार ,
    उसका  न करो कभी अपमान ,
    बस उनकी आंखों से ना कभी आंसू बहने दो,
    हमारी वजह से कभी दुख ना पहुँचे ,
    बेशक मा को माँ ही रहने दो । 
    *        *        *          *
    बुडापे में ऐसे रखना सीने से लगाकर, 
    जैसे बचपन में उन्हें तुम को लगाया था। 
    ऐसे रखना हाथ थामकर जैसे, 
    उन्हें बचपन में  हाथ पकड़ कर चलना सिखाया था। 
    महल उमीदों का उसकी ना कभी ढहने दो ,
    हमारी वजह से कभी दुख ना पहुँचे ,
    बेशक मा को माँ ही रहने दो । 

    *         *         *          *          *           *
    बेशक ना बनो उनकी आंखों का तारा, 
    बेशक ना बनो बुढापे का सहारा, 
    याद रहे सदा ये बात ,
    हमारे हाथों में रहे सदा उनके हाथ ,
    ईश्वर के उपहार को ,
    हर समय प्यार दो ,
    बस उनको किसी को भी, 
    मन्दे बोल ना कहने दो। 
    हमारी वजह से कभी दुख ना पहुँचे ,
    बेशक मा को माँ ही रहने दो । 
    *        *          *          *
    creater- राम सैणी 

    https://maakavita3.blogspot.com

Friday, 7 April 2023

माँ के नाम के साथ


मेरा नाम चमके यूं ही  माँ तेरे नाम के साथ, 
मेरे  सर पर  यूं ही  सदा रहे तेरा प्यार  वाल  हाथ, 
*      *         *               *           *           *
बजुरगों  का सत्कार अगर हम, 
यूं ही  करते चले जाएंगे, 
बच्चों  में  अच्छे संस्कार, 
खुद ही आ जाएंगे। 
जुड़े  रहीए इन से, जैसे  जुडी है यशोदा  माँ, 
श्याम  के  साथ। 
*          *         *           *            *
मेरा नाम चमके यूं ही  माँ तेरे नाम के साथ, 
मेरे  सर पर  यूं ही  सदा रहे तेरा प्यार  वाल  हाथ,
*        *          *        *           *            *
बरगत की छाया और बजुरगों का साया, 
जिस  घर में  रहे, 
वो घर सदा महकता रहे, खुशियों  से, 
बच्चे हों या बड़े  सब दिल में, 
प्यार की गंगा  बहे। 
*         *         *            *
उमर के इस पड़ाव में,
बच्चे  ही सहारा  हैं, माँ - बाप का, 
वो ना जिंए बेकदरी की  जिंदगी, 
उनको सहारा देना फर्ज भी है आपका, 
उम्र  बीते माँ-बाप की  सेवा में, 
आराम के साथ। 
*        *         *          *
मेरा नाम चमके यूं ही  माँ तेरे नाम के साथ, 
मेरे  सर पर  यूं ही  सदा रहे तेरा प्यार  वाल  हाथ। 

creater- राम सैणी 

https://maakavita3.blogspot.com


Tuesday, 4 April 2023

सेवा का फल


आज नहीं तो कल मिलेगा, 
सेवा  करो मा-बाप की, 
चारों धाम का फल मिलेगा। 
ॐ     ॐ        ॐ          ॐ
समय मिले तो  चारों धाम भी घूमो, 
पर  पहले  घर  बैठे माँ - बाप के पैर चूमो। 
ॐ      ॐ        ॐ        ॐ          ॐ 
माना की सेवा - भाव आयेंगे, 
माँ के संस्कारों की शक्ति से, 
पर इनको निभाने की ताकत , 
मिलेगी महादेव की भक्ति से  
हर काम में बल मिलेगा। 
ॐ     ॐ       ॐ        ॐ 
सेवा करो मा-बाप की, 
चारों धाम का फल मिलेगा । 
ॐ     ॐ      ॐ       ॐ 
 माँ - बाप को अपने दिल से लगालो, 
  बनके इनकी बैसाखी, 
   पुण्य कर्म अपने जगालो। 
    करोगे  सेवा जो दिल से इनकी, 
     तो  जीवन में सुख - चैन, 
      हर पल मिलेगा । 
      ॐ     ॐ      ॐ 
      सेवा  करो मा-बाप की, 
       चारों धाम का फल मिलेगा। 
        ॐ     ॐ       ॐ        ॐ 

       creater- राम सैणी 
        
        https://maakavita3.blogspot.com





Sunday, 2 April 2023

मात-पिता का बनकर रहूँ

हे महादेव,विनती है मेरी आपसे, 
कभी ना खाऊं पहले, 
मै अपने माँ-बाप से
*      *       *       *
माँ अपने बेटे को चूमती हुई
मात-पिता का बनकर रहूँ  




उनके दूध का कर्ज, 
हर जन्म में बकाया रहे। 
जब तक है तन में प्राण मेरे, 
सर पे माँ - बाप का साया रहे। 
उसके पवन चरण रहें घर हमारे ,
उसके प्यार का साया रहे सर हमारे ,
रब के चरणों में बाद में ,
हे महादेव,विनती है मेरी आपसे, 
कभी ना खाऊं पहले, 
मै अपने माँ-बाप से।
*      *       *        *         *
सुबह उठुं तो माँ दिखे  
पिछे खड़ा पांऊ बाप को, 
पहले झुके सर उनके चरणों में, 
फिर झुकाऊं आपको ।
बाप है मेरी छोटी सी दुनिया का राजा ,
माँ हमारे घर की जान है ,
पिता रहे बनकर ढाल मेरी ,
रौशनी माँ के प्यार की ,
माँ मेरे जीवन की पहली हकदार थी ,
मेरा दिन शुरू होता है ,
उन दोनों के नाम के जाप से ,
हे महादेव,विनती है मेरी आपसे, 
मै अपने माँ-बाप से।
*      *       *       *
कैसे भूल जाऊं मैं उस गोद को, 
जिसमें मेरा बचपन गुजरा है। 
क्या मिसाल दूँ मैं उनके प्यार की, 
जिन्होंने अपनी पूरी उमर मुझ पे वार दी। 
मेरा तन मेरा मन गिरवीं हैं उनके प्यार में ,
माँ तेरा प्यार है माँ गंगा के जैसा ,
तेरा आँचल है समुन्दर से भी महान ,
तेरे हाथों में दुआओं का बसेरा ,
जो हर पल ख्याल रखती है मेरा ,
हे महादेव ,माँ - बाप के चेहरे यूं ही मुस्काते रहे ,
मै हाथ जोड़कर विनती करूँ आपसे ,
हे महादेव,विनती है मेरी आपसे, 
कभी ना खाऊं पहले, 
मै अपने माँ-बाप से। 
*     *      *        *       *        *       *
दुख - दर्द याद हैं मुझे उनके सारे, 
वो पल याद हैं मुझे, 
जो उनके आँचल तले गुजारे। 
मस्त रहूँ मैं अपनी दुनिया में, 
कैसे नजरें मिलाउंगा मैं महादेव आपसे,
हे महादेव,विनती है मेरी आपसे, 
कभी ना खाऊं पहले, 
मै अपने माँ-बाप से। 
*       *        *         *        *
कभी ना खाऊं पहले, 
मै अपने माँ-बाप से।

by-राम सैणी 

https://maakavita3.blogspot.com