Tuesday, 31 October 2023

माँ के प्रति श्रद्धा (maa ke prati shrdha )

कच्चे हैं रिश्ते -नाते सारे,
क्यों हर रिश्ता यहाँ कमजोर है माँ,
मैं हूँ कागज की एक पतंग,
*      *       *       *




बे -मतलब के हो गए रिश्ते सारे,
कांच के हो गए सब रिश्ते हमारे,
हम अच्छे हैं तो सब अच्छा है,
आज के इस दौर में भी माँ,
एक तुम्हारा प्यार ही सच्चा है,
जीवन की कठीन राहों में,
जब ठोकर लगे हर बार माँ,
माँ जब तुम प्यार करती हो,
लेकर मुझे अपनी बाहों में,
मुझे चैन मिले बेसुमार माँ,
तेरा प्यार है इस जग में सबसे निराला,
इस प्यार के आगे तो झुकता है ऊपरवाला,
मेरे जीवन में बिखरे हैं,
तेरे स्नेह के अनमोल मोती माँ,
इन मोतियों से बंधी है,
मेरे जीवन की डोर है माँ,
कच्चे हैं रिश्ते -नाते सारे,
क्यों हर रिश्ता यहाँ कमजोर है माँ,
मैं हूँ कागज की एक पतंग,
*      *         *      *
माँ तुम हो झील का मीठा पानी,
तेरे हाथों में एक करामात है,
धन्य हो जाए जिस को भी मिल जाए,
तुम्हारे प्यार की ये बरसात है,
मिल जाए जिसको तेरे आँचल का सहारा,
चमक जाएगा एक दिन,
उसकी किस्मत का सितारा,
मै ईश्वर से विनती करूं हर रोज़ माँ,
तेरे चेहरे पर रहे सदा मुसकराहट के बादल,
तेरा हर दिन हो जाए खास माँ,
तुम रहे महकती फूलों के जैसे,
तेरा चेहरा ना हो ना कभी उदास माँ
जिस के सर तेरा पहरा,
उसको फिर डर कैसा है,
माँ तेरा प्यार है सागर से गहरा,
तेरे सर रहे सदा खुशियों का सेहरा,
तुम हो करूणा की मूरत,
तेरा प्यार रहेगा सदा महान,
चाहे कोई भी दौर हो माँ,
कच्चे हैं रिश्ते -नाते सारे,
क्यों हर रिश्ता यहाँ कमजोर है माँ,
मैं हूँ कागज की एक पतंग,
तुम रेशम की डोर हो माँ
*    *      *        *
तेरा रूप में ईश्वर नजर आता है,
तेरा रूप ये सबको भाता है,
माँ तेरे प्यार का कोई छोर नहीं,
तेरे प्यार में कोई शोर नहीं,
तुम हो एक शांत सरोवर ,
तुम हो जीवन दाती मेरी,
ये जग है एक स्वार्थी मेला,
तुम हो सच्ची साथी मेरे 
जब भी गमों ने घेरा है मुझे,
काले बादल बनकर,
तुम साथ खड़ी थी हरदम मेरे,
मेरा हमदर्द बनकर,
तेरी प्यार की डोर से बंधी,
मेरे जीवन की डोर माँ,
तेरे प्यार में कोई ऐसा जादू है,
मैं खींचा चला आऊं तेरी ओर है माँ,
कच्चे हैं रिश्ते -नाते सारे,
क्यों हर रिश्ता यहाँ कमजोर है माँ,
मैं हूँ कागज की एक पतंग,
तुम रेशम की डोर हो माँ,
*     *     *       *       *


























Saturday, 28 October 2023

बेटी की पुकार (beti ki pookar )

मैं भी देखना चाहती हूँ माँ,
ये ईश्वर का बनाया प्यारा संसार,
मुझे से जीने का हक ना छीन माँ,
*     *        *        *      *       *

माँ अपनी बेटी को पानी पिलाती हुई
बेटी की पुकार (beti ki pookar )
एक बेटे के बराबर,
मुझे भी जीने का हक दो माँ,
कोख में तेरी पल रही एक बेटी,
ये जानकर दिन-रात मत रो माँ,
जब तक थी तूं अनजान मुझ से,
माँ तुम मुझे दीवानों की तरह प्यार करतीं थीं,
कोख में तेरी चिराग है घर का,
ये सोचकर ईश्वर पर बहुत एतबार करती थी,
मैं भी माँ चिराग बनकर तेरे घर का,
एक दिन करूंगी रौशन तेरा नाम,
भूल जाएगी तूं अपने दुख सारे,
खुशियों से भर दूंगी तेरी जिन्दगी तमाम,
बेटे के समान एक बेटी का भी है अधिकार,
भेदभाव ना कर दोनों में,
बेटी -बेटा दोनों को दे एक जैसा प्यार,
जब तक हूँ मैं कोख में तुम्हारी,
मैं तेरी आँखों से देखूंगी ये हँसता -गाता संसार ,
मैं भी देखना चाहती हूँ माँ,
ये ईश्वर का बनाया प्यारा संसार,
मुझे से जीने का हक ना छीन माँ,
*      *       *        *         *
माँ तुम मुझे थोड़ा भी दोगी ,
मैं उस में भी सब्र कर लूंगी,
जहाँ तुम कहोगी मैं अपनी,
वहीं नजर कर लूंगी,
मैं तुम से नहीं करूंगी कोई शिकवा -गिला,
ईश्वर का वरदान समझुंगी मैं,
जो भी तुम से प्यार से मिला,
तेरी कोख का मुझ पर रहेगा,
जीवन भर एहसान,
मेरी नज़रों में रहेगा तेरा जीवन भर सम्मान,
माँ तुम करूणा की देवी हो,
तेरे जैसा ना कोई है महान,
तुम हो मेरी जीवनदाती,
मैं बनकर रहुँगी तेरे सर का अभिमान,
मेरी रगों में भी दौड़ता है माँ दूध तुम्हारा,
मैं भी हूँ उसी दूध की कर्जदार,
मैं भी देखना चाहती हूँ माँ,
ये ईश्वर का बनाया प्यारा संसार,
मुझे से जीने का हक ना छीन माँ,
तेरी प्यारी कोख से एक बेटी करें पुकार,
*      *        *        *        *
मैं भी हूँ बेटी माँ तुम्हारी,
मुझे भी है तूं अपनी जान से प्यारी,
मेरी जिंदगी भी है तेरे बिन अधूरी,
मैं नहीं करना चाहती थी पाप कोई,
मेरी भी थी कोई इस में मजबूरी,
ईश्वर अगर बेटा -बेटा से सबकी गोद सजाए,
तो कोई भी माँ कभी ना करें ये अन्याय,
मत सोच की मुझे तुम से प्यार नहीं,
बेटी तुम्हारे बिन हमरा पूरा परिवार नहीं,
तुम्हारी जरूरत पड़ेगी,
हर त्योहार पर तुम्हारे भाई को,
एक बेटी की कीमत क्या है,
पता है ये तुम्हारी आईं को,
बेटी हो या बेटा माँ दोनों को दे एक जैसा प्यार,
मैं भी देखना चाहती हूँ माँ,
ये ईश्वर का बनाया प्यारा संसार,
मुझे से जीने का हक ना छीन माँ,
तेरी प्यारी कोख से एक बेटी करें पुकार,
creater-राम सैणी


























Wednesday, 25 October 2023

माँ के बिना जीवन सूना (maa ke bina jeevan soona)

माँ तेरा दूध है अमृत के जैसा
जो मेरी हर सांस पर उधार है,
ये सांसें भी हैं देन तुम्हारी,

*    *      *        *         *

माँ अपने बेटे को हवा में उछालती हुई
माँ के बिना जीवन सूना (maa ke bina jeevan soona) 
माँ की जगह जीवन में ,
कोई और नहीं ले सकता,
पर माँ सबकी जगह ले सकती है,
माँ के सर की बलाएं,
अपने सर‌ ना ले कोई,
पर हमारे सर की बुरी बलाएं,
माँ अपने सर ले सकती है,
उसके जैसा ना कोई है जग में,
माँ बसी है मेरी रग- रग में,
इस जग के हैं खेल न्यारे,
रंग माँ के प्यार के हैं,
इस जग में सबसे प्यारे,
माँ के दिल की कोई ना जाने,
वो हम‌ सबकी रग-रग पहचाने,
रंग माँ के प्यार के हैं,
वो ही मेरा प्यारा संसार है,
माँ तेरा दूध है अमृत के जैसा
जो मेरी हर सांस पर उधार है,
ये सांसें भी हैं देन तुम्हारी,
*     *       *        *     *
मेरे जीवन का सबसे कीमती,
तूं गहना है माँ,
तुम्हारे बिन जुदाई का ,
गम नही सहना है माँ,
हमको माँ अनमोल प्यार दे,
वार‌ कर मिट्टी सर से मेरे सब बलाएं,
एक पल में उतार दे,
मेरे सपनों की राजधार है माँ,
वो मेरा अभिमान है,
मुझे कुछ और नहीं चाहिए माँ के सिवा,
मेरे इस बेचैन दिल को,
मिल जाता है चैन देखकर,
तुम्हारे चेहरे पर ये जो,
छाई खुशियों की बहार है,
माँ तेरा दूध है अमृत के जैसा
जो मेरी हर सांस पर उधार है,
ये सांसें भी हैं देन तुम्हारी,
तुम बिन मेरा ये सूना संसार है 
*    *       *        *      *
मेरी रग- रग ऋणी है माँ तुम्हारे प्यार की,
तुम्हारे पाँव के नीचे है,
जन्नत इस संसार की,
इस अंधयारे जीवन में,
तुम सूरज की पहली किरण का‌ उजाला हो,
मेरे इस जीवन की तुम पहली पाठशाला हो,
गम की‌ काली घटाएं,
जब भी जीवन में आती हैं,
लडना कैसे हैं इनसे,
ये माँ ही हमें बताती है,
माँ हर वक्त बरसती है हम पर,
सावन के बादल बनकर,
इस पतझड़ से जीवन में मेरे,
प्यार की ठण्डी हवाएं बनकर,
माँ भी ईश्वर का रूप है,
ईश्वर के रूप हजार हैं ,
माँ तेरा दूध है अमृत के जैसा
जो मेरी हर सांस पर उधार है,
ये सांसें भी हैं देन तुम्हारी,
तुम बिन मेरा ये सूना संसार है 
*     *     *      *       *      *

















Wednesday, 18 October 2023

माँ का सहारा (maa ka sahara )

रिशते निभाने का हूनर,
माँ से बढ़कर और कौन जाने,
जो कभी हार ना माने,
*        *        *      *

माँ अपने बेटे को देखती हुई
माँ का सहारा (maa ka sahara )



माँ रिश्तों को ऐसे निभाए की,
उनमें डाल दें एक नई जान,
माँ वो यौधा है जो जीवन में,
हर पल दे एक नया इम्तिहान,
माँ के हाथों में एक करामात है,
जीवन जीने की सीख देती माँ की हर बात है,
खुद हार कर जो हमको जीता दे वो है माँ,
अपना सारा जीवन हमारी ,
परवरिश में लगादे,वो है माँ,
अपनी सब इच्छाएं मारकर,
अपना सब कुछ हम पर वार कर ,
रंग खुशियों के हमारे चेहरे पर सजाए वो माँ है,
क्या जीना उस इन्सान का,
जो माँ के प्यार की कद्र ना जाने,
जो माँ को माँ ना माने,
रिशते निभाने का हूनर,
माँ से बढ़कर और कौन जाने,
जो कभी हार ना माने,
*      *       *       *
माँ हाथ पकड़ कर मेरा,
मुझे तुफानों से लड़ना सिखादे ,
मैं भी भूल जाता हूँ दिनभर की थकान अपनी,
जो माँ मेरी ओर देखकर प्यारा से,
एक बार मुस्करादे,
माँ वो हस्ती है जो पार लगादे,
मझधार में फंसीं मेरे जीवन की नाव को,
माँ पास है तो हर दिन मस्ती है,
मैं क्यों ना याद रखूँ अपने जीवन में,
माँ के प्यार की घनी छाँव को,
उसकी लोरियों के गीत के आगे,
इस जग के सब सुर हैं बे-रंग,
माँ की लोरियों में मुझे 
झलकता है अपनापन,
इसलिए माँ की लोरियाँ हैं मुझे सबसे पसंद,
माँ सारी उम्र लुटाए फिर भी कम ना हों,
कभी माँ के प्यार के खजाने,
रिशते निभाने का हूनर,
माँ से बढ़कर और कौन जाने,
जो कभी हार ना माने,
*      *       *       *
माँ बेवजह हम पर प्यार लुटाए,
हमारी सारी गलतियां,
एक पल में भूल जाए,
हमको यूं जकड़ ले ,
बनाकर अपनी बांहों का घेरा,
जैसे कंई घनी काली रातों के बाद,
आया हो जीवन में सुखों का सवेरा,
हों मीठे बोल जुबां के,
सर पर हाथ हों उसकी ममता के छाँव के,
माँ हर पल करें मेरी हौंसला हफजाई,
माँ तेरे प्यार का रहूंगा मैं सदा करजाई,
जग में हो पहचान मेरी,
तुने मुझे इस काबिल बनाया है,
माँ को जिसने अपने दिल में बसाया है,
रब की कृपा का सुख उसने पाया है,
रब है माँ मेरे लिए सब है माँ मेरे लिए,
मेरे जीवन की परेशानियों को ,
मेरी माँ से बढ़कर और कौन जाने ,
रिशते निभाने का हूनर,
माँ से बढ़कर और कौन जाने,
इस जग में माँ से बड़ा कोई यौधा नहीं,
जो कभी हार ना माने,

*      *       *        *        *        *

















































Saturday, 14 October 2023

पिता का बलिदान (pita ka balidaan )

माना की माँ के साये में कभी कोई ग़म ना था,
पिता कम प्यार करता है माँ से,
इस बात में कोई दम ना था,
*      *         *          *


पिता अपने बेटे को कांदे पर बैठाता हुआ

मेरे जीवन पर माँ का हक है ,
सबसे ज्यादा मैं मानता हूँ,
माँ ने मेरे सपने पूरे करने का,
किया है वादा मैं मानता हूँ,
पिता का नाम मुश्किलें हल कर देता है तमाम,
निभाना पिता का किरदार,
देना पिता जैसा प्यार,
हर किसी के बस की बात नहीं,
पिता है मेरा अभिमान,
पिता ने दिया है मुझे जीवनदान,
उसके जैसी कोई ईश्वर की प्यारी सौगात नहीं,
जो अपने सपनों को भूलाकर,
पूरे करें हमारे सपने,
हमारे जीवन को खुशियों से भर दे,
भूलाकर गम सारे अपने,
माना की,माँ ने हमें सीने से लगाकर,
बेसुमार प्यार किया,
पर पिता के पीठ पर बैठकर सवारी करना,
किसी स्वर्ग सुख से कम ना था,
माना की माँ के साये में कभी कोई ग़म ना था,
पिता कम प्यार करता है माँ से,
इस बात में कोई दम ना था,
*       *        *        *         *        *
पिता के प्यार करने का अंदाज थोड़ा निराला है,
माँ के बाद मैंने देखा है एक सच्चा हमदर्द,
जब से होश संभाला है,
जीवन में आए चाहे कितने ही तुफ़ान,
उनके आगे ना झुके जो इन्सान,
जो रोना चाहे तो रो नहीं सकता है,
ऐसा इन्सान इस दुनिया में सिर्फ,
एक पिता ही हो सकता है,
सीने में छूपे है जिसके राज बहुत,
जिसकी आती है हरदम याद बहुत,
जितने एहसान माँ इस जीवन पर हैं तेरे,
पिता का उतना ही अधिकार है जीवन पर मेरे,
माना की,माँ का आँचल पहला घर है मेरा,
पर पिता का आँचल भी,
किसी संमदर से कम ना था,
माना की माँ के साये में कभी कोई ग़म ना था,
पर पिता का बलिदान भी कोई कम ना था,
इस बात में कोई दम ना था।
*      *       *        *
शायद जो हाथों की लकीरों में भी नहीं है,
वो भी देने का हौंसला रखता है पिता,
वो मेरी खुशी के लिए अपनी चादर से भी,
पैर बाहर निकालने का हौसला रखता है पिता,
वो हमारी चेहरे की मुस्कान के लिए,
खुद मुस्कराना भूल जाएं,
वो हमारा पेट पालते -पालते,
खुद खाना भूल जाएं,
माँ तो महान है ही पिता भी महान है,
दोनों से हमारे घर की इस जग में पहचान है,
माँ का प्यार एक अनमोल उपहार,
पिता ने दिया है मेरा जीवन संवार,
इनका सत्कार मेरे जीवन का आधार,
इनके बिना है जीवन बेकार,
माना की,माँ ने उंगली पकड़कर,
मुझे चलना सिखाया है,
पर पिता का कान्दे पर बैठाकर घुमाना,
भी किसी अनमोल तोहफे से कम ना था,
माना की माँ के साये में कभी कोई ग़म ना था,
पर पिता का बलिदान भी कोई कम ना था,
पिता कम प्यार करता है माँ से,
इस बात में कोई दम ना था,
*       *       *         *























Wednesday, 11 October 2023

मेरे दिन बदल गए (mere din badal gaye )

बेटी है घर की शान,
फिर बेटी क्यों पराई है,
जब से मेरे घर बेटी आईं हैं,
*     *      *       *

बेटी अपनी माँ से प्यार करती हुई
मेरे दिन बदल गए  (mere din badal gaye )

बेटी है अभिमान है मेरा ,
बेटी से है घर का सम्मान मेरा,
पिता अमीर हो या गरीब,
बेटी होती है पिता के दिल के सबसे करीब,
बेटियां निभाती साथ अन्तिम सांस तक अपना,
वो सदा लेके जाती है जायज हक अपना,
जितना मिल जाए इज्जत से,
बेटियां उतने में ही खुश हैं,
मात-पिता के सुख में ढूंढती हैं,
बेटियां अपना सुख हैं, 
इनको भी छूने दो नीले आसमान को,
ये भी चाहती है की इनके नाम से ,
मात-पिता की पहचान हो ,
हर काम में खुद को करती हैं साबित,
जब जब भी इनकी बारी आई है,
बेटी है घर की शान,
फिर बेटी क्यों पराई है,
जब से मेरे घर बेटी आईं हैं,
*       *        *      *        *
बेटी है आँखों का काजल,
बेटी है महकते फूलों की क्यारी,
उसके संग जुडी है खुशियां घर की,
वो बनकर रहती जान हमारी,
बेटी हम पर बोझ कब थी,
वो है एक वरदान के जैसे,
बेटी संग है रौनक घर की,
बेटी है एक सम्मान के जैसे,
नाज नखरे बेटियों के,
हम सब हंसकर उठाते है,
बेटियों संग रिश्ते दिल के,
हम पूरी उम्र निभाते हैं,
हर मुश्किल हालातों को बेटियां,
हंसकर सह जाती है,
दिल का भेद ना बताएं मात-पिता को,
बिन बोले ही सब कुछ कह जाती है,
उस घर में खुशियों के रंग बिखेरने लगते हैं,
जिस घर में बेटियां पलकों पर बिठाई हैं,
बेटी है घर की शान,
फिर बेटी क्यों पराई है,
मेरे दिन बदलने लगे हैं,
जब से मेरे घर बेटी आईं हैं,
*        *     *         *
अपनी सूझ-बूझ से बेटियां,
जीत लेती हैं दिल सबका,
बेटियां सबसे प्यारा उपहार हैं रब का,
मात-पिता से बेटों जैसा,
ये प्यार मांगती हैं,
बेटों के बराबर समझे परिवार में इनको ,
बेटियां इतना-सा सत्कार मांगती हैं,
जितना दर्द बेटे को पैदा करने में तुमने साहा था माँ,
उतना ही दर्द मुझे पैदा करने में , 
बेटी भी है मेरे जिगर का टुकड़ा,
तुम ने मुझे गले से लगाकर उस वक्त कहा था माँ,
ये दुनिया मुझे दिखाने का शुक्रिया माँ,
मुझ पर इतना एतबार दिखाने का,शुक्रिया माँ ,
मुझे पलकों पर बिठाने का,
सीने से लगाकर अपना दूध पिलाने का शुक्रिया माँ
हे ईश्वर धन्यवाद तेरा,
मेरे हिस्से में भी माँ की अनमोल प्रीत आईं हैं
बेटी है घर की शान,
फिर बेटी क्यों पराई है,
मेरे दिन बदलने लगे हैं,
जब से मेरे घर बेटी आईं हैं 
*        *         *       *








































Saturday, 7 October 2023

चाँदनी और माँ का प्यार (chaandani aur maa ka pyar )

चाँद की शीतल चाँदनी के जैसा,
एक तरफ है माँ का पावन प्यार,
एक तरफ जग सारा है,
*     *       *       *

माँ अपने बेटे को गोद में उठती हुई
चाँदनी और माँ का प्यार (chaandani aur maa ka pyar )


चाँद अपनी शीतल चाँदनी,
सब पर बरसाए बिन भेदभाव,
कौन छोटा है कौन बडा है,
ये देखकर नहीं करता है वो कोई मोलभाव,
चाँद की चाँदनी के जैसा है माँ का प्यार,
अपना प्यार लुटाए माँ दिल खोलकर,
हम सब पर सौ-सौ बार,
चाँद के जैसे है दानवीर माँ,
हर पल जीते जंग जिन्दगी की,
तेरे जैसा इस जग में ना कोई शूरवीर माँ,
मेहनत है कठपुतली माँ तेरे प्यारे हाथों की,
हर कोई कायल हो जाता है,
माँ तेरी प्यारी बातों का,
मुख है तुम्हारा एक उजला दर्पण,
तूं मेरी खुशियों का सवेरा है,
चाँद की शीतल चाँदनी के जैसा,
एक तरफ है माँ का पावन प्यार,
एक तरफ जग सारा है,
*      *       *       *
माँ चाँद की खूबसूरती,
इस जग में बहुत मशहूर है,
उसकी खूबसूरती भी मेरी माँ की,
खूबसूरती से कोसों दूर हैं,
होगा चाँद को अपनी चाँदनी पर,
अंहकार थोड़ा -थोड़ा ,
माँ का हौंसला भी देखो,
अकेली जान होते हुए भी,
जिसने हर ग़म का मुंह मोड़ा ,
चंदा मामा और माँ का रिश्ता बहुत पुराना है,
हर किस्से और कहानियां में ,
इनका जिक्र लाजमी आना है,
माँ के आगे छोटा है हर ग़म,
वो जीतकर रहती है हरदम,
हर घड़ी हर लम्हा मेरी जुबान पर,
माँ रहता नाम तुम्हारा है,
चाँद की शीतल चाँदनी के जैसा,
माँ शीतल प्यार तुम्हारा है,
एक तरफ है माँ का पावन प्यार,
एक तरफ जग सारा है,
*      *       *        *
चाँद भी माँ के त्याग को,
झुककर नमन करें सौ बार,
वो भी माँ की कोख से,
जन्म लेना चाहे एक बार,
इस जग के कण-कण में,
माँ का प्यार समाया है,
माँ है ईश्वर की महान रचना,
ईश्वर ने भी‌ माँ को महान बताया है,
माँ तुम्हारे प्यार की लौ,
मैंने अपने दिल में जगाईं है,
माँ का निश्छल,पावन प्यार,
मेरे कंई जन्मों की कमाई है,
लगता है कंई जन्मों की खुशियां,
माँ के रूप में मेरे हिस्से आईं हैं,
माँ का प्यार हम सब पर उधार,
माँ पर एतबार ईश्वर पर एतबार,
जो दिल में रखता है माँ को बैठाकर,
खुशियां से भरा रहेगा उसका घर सारा है,
चाँद की शीतल चाँदनी के जैसा,
माँ शीतल प्यार तुम्हारा है,
एक तरफ है माँ का पावन प्यार,
एक तरफ जग सारा है,
*      *      *      *


Friday, 6 October 2023

माँ के प्यार की कहानी (maa ke pyar ki kahani )

अपने सर लेकर खुश हो जाती है माँ,
मेरे सर की सब बलाएं,
कभी अपने लिए भी जी लिया करो,
*      *       *         *

बेटा अपनी माँ को प्यार करता हुआ
माँ के प्यार की कहानी (maa ke pyar ki kahani )


बच्चों के लिए जीते-जीते माँ,
खुद अपने लिए जीना भूल जाए,
बच्चों को ना पहुँचे कोई दर्द जीवन में,
इसलिए माँ खुद के ज़ख्म सीना भूल जाए,
बच्चों की कामयाबी को समझे अपना धर्म,
जीवन में फूल मिलेगें या कांटे वो है मेरा कर्म,
अपने हिस्से का पहला निवाला डाले ,
बच्चों के मुख में,
माँ अपना सुख ढूंढती है बच्चों के सुख में 
उनका जीवन संवारना,उनको प्यार से निहारना,
घर की जिम्मेदारी उठाने के साथ,
बच्चों को गोद में बैठाकर दूलारना,
करते-करते ये हर रोज के काम,
माँ की जिंदगी गुज़र जाती है तमाम,
सबको रखती है माँ अपने आँचल में छूपाकर,
छूने ना पाएं उनको कभी गर्म हवाएं,
अपने सर लेकर खुश हो जाती है माँ,
मेरे सर की सब बलाएं,
कभी अपने लिए भी जी लिया करो,
*       *        *       *
माँ के हिस्से में आया है,
त्याग और बलिदान का अधिकार,
माँ करती है बच्चों पर,
बिन भेदभाव के लाखों उपकार,
एक हाथ से खाए माँ खाना,
दूजे हाथ से दूध पिलाए,
माँ तुमको माने अपना सच्चा हमदर्द,
तेरी कोख के जाये,
रंग आँखों का लाल देखकर,
दिल की नब्ज पहचाने,
क्या हलचल है दिल के अन्दर,
माँ बंद आँखों से भी जाने,
आँखों में कभी आंसू ना आने दें,
गम के बादल कभी हम पर छाने ना दे,
ना कभी बुरा बोलकर,ना तोलकर,
माँ निश्छल, निस्वार्थ सब पर प्यार लुटाए,
अपने सर लेकर खुश हो जाती है माँ,
मेरे सर की सब बलाएं,
कभी अपने लिए भी जी लिया करो,
ये माँ को कौन समझाए,
 *        *       *     *
माँ तेरी महानता के किस्से,
हर युग में गाए जाएंगे,
अपने सर को हमेशा माँ और ईश्वर के,
चरणों में ही झूकाएंगे,
जिन हाथों को सर पर रखकर हमारे,
माँ तुम देती हो बेसुमार दुआएं,
उन हाथों को रखुंगा हमेशा थामकर,
जिन हाथों की ऊंगली पकड़कर,
माँ तूं हमें चलना सिखाए,
तुम हो दीपक की लौ के जैसे,
जहाँ जाए उजाला फैलाएं,
माँ तुम्हारे पैर पड़े जिस घर में,
वो घर पावन हो जाएं,
पत्थर के मकानों को माँ,तूं ही घर बनाए,
अपनी प्यारी मुस्कान से,
पूरे घर को महकाए,
माँ को रखिए सर का ताज बनाकर,
माँ को रखिए अपना हमराज़ बनाकर,
उसके राज में हम सबने,
अपने पंख है फैलाए 
अपने सर लेकर खुश हो जाती है माँ,
मेरे सर की सब बलाएं,
कभी अपने लिए भी जी लिया करो,
ये माँ को कौन समझाए,
*      *        *       *

































Thursday, 5 October 2023

माँ के स्नेह का रंग (maa ke sneh ka rang )

जब तक बागों में नाचे मोर और,
कोयल गीत सुनाती रहे,
मैं ईश्वर से मांगता हूँ ये दुआ,
*      *       *        *         *

माँ बेटे को चूमती हुई
माँ के स्नेह का रंग (maa ke sneh ka rang )


कोयल की मीठी बोली जो भी सुने ,
सबके दिलों में मिठास घोल जाए,
कोयल की मीठी बोली माँ की बोली से,
कितना मेल खाए,
माँ की जुबान से निकले हर बोल,
मेरे कानों में देते हैं शहद घोल,
ये ही वो सच्चा रिश्ता है,
जो है सबसे अनमोल,
माँ बिन तेरे ये मेरा जीवन है ऐसा,
जैसे बिन मांझी के नाव,
माँ की चाकरी करने का है मुझे बडा चाव ,
तुम खुशबू हो महकते फूलों की माँ,
जो बिखेर महक घर के हर कोने में,
पूरा घर बिखर जाता है एक माँ के ना होने से,
जब तक सावन में झूले पड़ते रहें और,
बारिश की बूंदें छम -छम करके गीत सुनाती रहें,
जब तक बागों में नाचे मोर और,
कोयल गीत सुनाती रहे,
मैं ईश्वर से मांगता हूँ ये दुआ,
*       *         *         *       *
कोयल का बोलना जैसे दिल को बहुत भाता है,
मीठे बोल सबको भाए ये भी हमें सिखाता है,
जब भी मुंह खोले हमेशा,
माँ के सम्मान में ही बोलें
घर में उजाला है माँ के संग,
माँ बरसाए हमेशा प्यार के रंग,
कभी उंगली पकड़ी थी जिसने,
मैं भी उसका हाथ रखुगा पकड़कर,
मैं चलूंगा हमेशा हाँ में सर हिलाकर,
जिस माँ ने रखा है हमेशा,
अपने सीने से जकड़कर,
माँ का साथ जैसे ईश्वर का हाथ,
मेरे दिल के हर कोने में माँ,
तुम्हारा एक खास मुकाम है,
मेरी जुबान पर रहता हमेशा,
बस एक तेरा ही नाम है,
जब तक चाँद की चाँदनी से,
तन -मन सबका खिलता रहे और,
सूरज की रौशनी हम सबको ,
एक न‌ई राह दिखाती रहे,
मैं ईश्वर से मांगता हूँ ये दुआ,
मेरी माँ हमेशा यूं ही मुस्कराती रहे,
*       *        *        *       *
जितनी करो तारीफ माँ की उतना ही कम है,
माँ के बिन कैसे गुजरें दिन,माँ है तो हम हैं,
तुम्हारे प्यार का रंग ऐसा चढ़ा है मुझ पर,
सब रंग फीके हैं उसके आगे,
लोहे की जंजीरों से भी मजबूत है,
माँ तुम्हारे प्यार के धागे,
मेरे रोम-रोम में बसे है मां,संस्कार तुम्हारे ,
मेरी पहचान होती है दुनिया में इनके ही सहारे,
तुम हो नदियां की धारा के जैसे,
जिसको मिले उसका जीवन खिल जाए,
तड़फते दिल को आराम आ जाए,
जिसे प्यार तुम्हारा मिल जाए,
वो लोग किस्मत के धनी होते हैं माँ,
जो हर वक्त माँ की पनाह में होते हैं,
माँ के राज में हम बेखौफ होकर सोते हैं,
जब तक फूल महकते रहें और
फूलों की महक हमें लूबाती रहे,
जब तक बागों में नाचे मोर और,
कोयल गीत सुनाती रहे,
मैं ईश्वर से मांगता हूँ ये दुआ,
मेरी माँ हमेशा यूं ही मुस्कराती रहे,
*     *        *       *       *

























Wednesday, 4 October 2023

माँ के प्यार की महक (maa ke pyar ki mahak )

माँ कितना सोचती है मेरे लिए,
मैं कौन -कौन से सुनाऊं उसके किस्से,
सोने का गौरव माँ ने मुझे दिया है,
*       *         *         *         *

माँ अपने बेटे को चूमती हुई
माँ के प्यार की महक (maa ke pyar ki mahak )


माँ जो भी ख्वाब देखती है मेरे लिए,
उनको जी -जान से पूरा करती है,
मेरे चेहरे पर रहे सदा मुस्कान बिखरी,
इसलिए माँ हर इम्तिहान को पार कर गुजरती है,
माँ के बलिदान और त्याग की ,
बड़ी लम्बी कतार है,
हालात कैसे भी रहे हों हमारे,
माँ डटकर लडी हर बार है,
वो खींच लेती है हाथ पकड़कर,
अगर हम कभी फंस जाएं तुफानों में,
जब तक देख ना ले माँ मुख मेरा,
उसे चैन नहीं मिलता पत्थर के मकानों में,
ऊँचे हौंसले शान हैं उसकी,
मुझ में बसती जान है जिसकी,
घनी छाँव में बैठने का गौरव माँ ने मुझे दिया है,
तेज धूप में जलना आया है माँ के हिस्से,
माँ कितना सोचती है मेरे लिए,
मैं कौन -कौन से सुनाऊं उसके किस्से,
सोने का गौरव माँ ने मुझे दिया है,
*       *         *        *        *       *
माँ गीले बिस्तर पर भी रात गुजार लेती है,
मैं ये सोचकर हूँ हैरान,
मैंने सुना है माँ का कर्ज सात जन्म भी,
उतार नहीं सकते हम,
इसलिए संत-फकीरों ने माँ को बताया है महान,
माँ की हर खुशी हर सुख सिर्फ हमारे लिए हैं,
मैं जुबान से बयां नहीं कर सकता की,
हमारे लिए माँ ने कितने उपकार किए हैं,
माँ अपने हिस्से का निवाला भी,
मेरे मुख में डाल दें,
माँ मुझे बताती है जीवन की राहों में,
हर कदम रखना देखभाल के,
माँ सोते -जागते हर पल मुझे प्यार दे,
हर घड़ी मुझे अपने प्यारे मुख से,
माँ दुआएं हजार दे,
माँ ने भरपेट खाने का गौरव मुझे दिया है,
खुद भुखे पेट रहना आया है माँ के हिस्से,
माँ कितना सोचती है मेरे लिए,
मैं कौन -कौन से सुनाऊं उसके किस्से,
सोने का गौरव माँ ने मुझे दिया है,
जागकर रात गुजारना आया है माँ के हिस्से,
*        *          *          *       *
माँ लेकर आई है अपने हिस्से,
सब दूख-दर्द पर क्यों,
लोग रब को ढूंढते हैं मन्दिर -मसजिद में,
पर माँ मेरा रब है तूं,
कौन कहे माँ के बिन,
सब सुख मिलें इस संसार में,
खाली है जीवन खाली है घर,
रौनक गायब हो जाती है सबके चेहरों से,
दिल नहीं लगता एक पल भी घर -परिवार में,
सब रंगों से न्यारे हैं माँ रंग तेरे प्यार के,
तेरे चेहरे पर सदा महकते रहें माँ रंग‌ बहार के,
माँ तेरे हाथों का स्पर्श मेरे मन को बहुत भाए,
तेरी कोख का करजाई मैं रहूंगा सदा माँ ऐ,
माँ ने चेहरे पर मुस्कान रखने का,
गौरव मुझे दिया है,
चेहरे पर हजारों गम रखना आया है माँ के हिस्से ,
माँ कितना सोचती है मेरे लिए,
मैं कौन -कौन से सुनाऊं उसके किस्से,
सोने का गौरव माँ ने मुझे दिया है,
*        *        *         *         *          *





Tuesday, 3 October 2023

गुरु शिक्षक:धन्यवाद माँ (Guru shikshak :Dhanyavad Maa )

हर पल मेरे सपने पूरा कर दिखाने का,
धन्यवाद माँ मुझे इतना काबिल बनाने का ,
धन्यवाद माँ मेरे नाज -नखरे उठाने का,
*     *        *        *        *

https://maakavita3.blogspot.com/2023/10/Guru-shikshak-Dhanyavad-Maa .html माँ को प्यार से चूमता हुआ-
गुरु शिक्षक:धन्यवाद माँ (Guru shikshak :Dhanyavad Maa )


मुझको पता है माँ तुम सबसे महान हो,
मेरी खुशियों का माँ तुम आसमान हो,
मेरे चेहरे पर छाई तुम एक मुस्कान हो ,
तेरे प्यार के रंग से रंगा है जीवन मेरा सारा,
तुम्हारा कद है  ईश्वर से ऊँचा,
तेरे बिना माँ ना होगा एक पल भी मेरा गुजारा,
मुझे ना कोई ऐसे पलकों पर,
बिठाकर रखें माँ एक तेरे सिवा,
तुम सब कुछ भूलाकर एक पल में माँ,
माफ कर देती हों मेरे सब गुनाह,
इस दुनिया में सबसे प्यारा एक ही नाम है माँ,
जिसका आँचल है एक विशाल दरिया,
जो देती है सबको अपने आँचल में पनाह,
धन्यवाद माँ मेरे सुर से अपना सुर मिलाने का,
हर पल मेरे सपने पूरा कर दिखाने का,
धन्यवाद माँ मुझे इतना काबिल बनाने का ,
धन्यवाद माँ मेरे नाज -नखरे उठाने का
*      *       *        *          *
माँ तुम हो इस दुनिया में सबसे जुदा,
तुम हो मेरी जीवनदाती तुम ही हो पालनहार,
माँ दोनों रूप हैं मुझे तुम्हारे सबसे प्यारे,
इस धरती पर माँ आसमान पर खुदा,
तुम मेरे  दिल की धड़कन बनकर ,
मेरे दिल में धडक रही हो माँ,
मैं पलकें बिछा दुंगा उन राहों में,
जिन राहों पर पड़े तुम्हारे पाँव,
मैं कितना किस्मत वाला हूँ माँ,
मेरे जीवन पर है तुम्हारे प्यार की छाँव,
तुम एक चमकता तारा हो इस नीले आसमान का,
तुम्हारे हाथों में है पूरे घर की कमान माँ,
देखकर खुशी तुम्हारे चेहरे की ,
खुश होता है ये नादान माँ,
धन्यवाद माँ मेरी हारी हुई बाजी ,
फिर से जीताने का,
हर पल मेरे सपने पूरा कर दिखाने का,
धन्यवाद माँ मुझे इतना काबिल बनाने का ,
गुरु बनकर मुझे न‌ई राह दिखाने का,
धन्यवाद माँ मेरे नाज -नखरे उठाने का,
*      *        *         *        *
मैं हूँ कागज की एक पतली पतंग माँ,
मेरे दिल की डोर जुड़ी है तुम्हारे संग माँ,
तुम्हारा हाथ रहेगा जब तक सर पर हमारे,
हम जीत जाएंगे जीवन की हर जंग माँ,
मैं मानता हूँ खुद को मिट्टी तुम्हारे पाँव की,
तुम्हारे प्यार की सुगंध फैली है,
हवाओं में हमारे गाँव की,
सबसे मुश्किल है इस दुनिया में ,
बनना माँ के जैसा ,
माँ साथ है जब तक फिर डरना है कैसा,
तुम्हारे हाथों में वो ताकत है माँ,
जो बदल दे मेरी किस्मत की लकीरों को,
तुम हो एक मसीहे के जैसी,
जो खुशी में बदल दे मेरी गम की जंजीरों को,
जिस मजबूत डोर से बंधे हैं हम दोनों,
वो रास्ता दिल से होकर जाता है ,
जो कर ना सके जीते जी सम्मान माँ का,
वो हर‌ घड़ी जीवन में ठोकर खाता है 
धन्यवाद माँ मेरी सोई किस्मत जगाने का,
हर पल मेरे सपने पूरा कर दिखाने का,
धन्यवाद माँ मुझे इतना काबिल बनाने का ,
गुरु बनकर मुझे न‌ई राह दिखाने का,
धन्यवाद माँ मेरे नाज -नखरे उठाने का,
*       *          *          *         *





















Monday, 2 October 2023

माँ के पास वापसी (maa ke pass vapsi )

इस अनाथ‌-आश्रम में अब तुमको ना रहने दुंगा,
भटक गया था कुछ पल के लिए मैं फर्ज से अपने,
अब तुमको और दुख ना सहने दुंगा।
*       *       *       *         *

माँ अपने बेटे को कुछ दिखती हुई
माँ के पास वापसी (maa ke pass vapsi )


मैं इस न‌ए ज़माने की चमक में,
कुछ पल के लिए हो गया था ऐसा दीवाना,
मैं मान बैठा था बोझ तुमको,
करके तुम्हें इस अनाथ‌-आश्रम के हवाले,
मैं हो गया था तुम से बेगाना,
मैं भूलकर फर्ज अपना कुछ पल के लिए ,
चला था अनजान राहों पर,
मैं भूल बैठा था वो बचपन की यादें,
माँ कैसे तुम प्यार करती थी मुझको,
उठाकर अपनी बांहों पर,
माँ के जैसा कोई प्यार करे,
ये तो खाली एक सपना है,
माँ के संग बांटेंगे हर ग़म,
इस जहान में माँ का आँचल ही घर अपना है,
बहुत बहा लिए हैं माँ तुमने,
अपनी इन आँखों से आंसू,
अब और आंसू ना बहने दुंगा,
इस अनाथ‌-आश्रम में अब तुमको ना रहने दुंगा,
भटक गया था कुछ पल के लिए मैं फर्ज से अपने,
अब तुमको और दुख ना सहने दुंगा।
*         *         *         *        *
माँ तुम्हारा दिल बहुत बड़ा है,
तुम कंई बार अकेले में रो देती हो,
मैं कितने भी करूं गुनाह मगर,
तुम एक पल में मेरे सब गुनाह धो देती हो,
माँ तुम्हारी आँखों के आंसू हैं,
गंगा माँ के पानी के जैसे,
मैं आगे से इनको रखुंगा संभाल कर ,
तुम्हारे दिए संस्कारों पर मैं चलूंगा सदा,
जीवन की राहों में हर कदम रखुंगा देखभाल कर,
मैं अपनी ग़लती पर माँ बहुत शर्मिन्दा हूँ,
मुझे सदा दुख रहेगा इस बात का ,
मैं कैसे चुकाऊंगा ऋण,
तुम्हारी जागकर बिताई हर रात का ,
माँ,ना मै खुद कहुंगा भला -बुरा तुमको,
किसी और को भी अब ना कहने दुंगा,
इस अनाथ‌-आश्रम में अब तुमको ना रहने दुंगा,
चलो माँ वो ही अपने घर पुराने,
भटक गया था कुछ पल के लिए मैं फर्ज से अपने,
अब तुमको और दुख ना सहने दुंगा।
*      *        *         *        *
माँ,बेटे की टूटी झोपड़ी में भी,
खुश होकर रह लेती है,
नहीं चाहत हैं उसको ऊँचे मकानों की,
माँ रहती है उनकी अनाथ‌-आश्रम में,
बहुत लम्बी कतार है इस दुनिया में,
ऐसे ऊँचे धनवानों की,
मेरी सबसे प्रार्थना है ये ही,
माँ की अराधना है सही,
माँ के मुस्कराने से घर में,
खुशियों की हवाएं बहती है,
रब का पहरा होता है उस घर में,
जहाँ औलादें माँ के पाँव में,
दिन-रात सर झुकाए खड़ी रहती हैं,
रब की माया माँ का साया ,
हर घर में कायम रहे,
माँ है सौगात रब की,
माँ जन्मदाती है हम‌ सब की ,
मेरी कोशिश रहेगी माँ सदा,
तेरी सेवा में कोई कमी अब ना रहने दुंगा,
इस अनाथ‌-आश्रम में अब तुमको ना रहने दुंगा,
चलो माँ वो ही अपने घर पुराने,
भटक गया था कुछ पल के लिए मैं फर्ज से अपने,
अब तुमको और दुख ना सहने दुंगा।
*       *       *       *       *      *






















Sunday, 1 October 2023

बचपन की यादें (bachpan ki yaaden )

मेरी सोई किस्मत एक बार जगा दे माँ,
थोड़ा-थोड़ा फिर से मुस्करा दे माँ,
मेरे हाथों में स्कूल का बस्ता फिर से थमा दे माँ,
*     *       *        *        *       *

माँ अपने बच्चे को गोद में उठती हुई
बचपन की यादें (bachpan ki yaaden )


बीत गया जो बचपन का हसीन वक्त माँ,
मैं उसे फिर से जीना चाहता हूँ,
मैं उस तनावमुक्त महोल के,
सुख का रस फिर से पीना चाहता हूँ माँ,
हर दिन स्कूल ना जाने का ,
ढूंढना कोई नया बहाना,
तुम्हारे प्यारे -प्यारे हाथों से,वो मार खाना,
मुझे बहुत याद आता है माँ,
तुम्हारा वो हाथ पकड़कर,
मुझे स्कूल छोड़कर आना,
दिल लगाकर पड़ना,
नज़रें झुका कर खडना,
तुम्हारा ये समझाना,
मुझे बहुत याद आता है माँ,
तुम्हारे सीने पर सर रखकर,
सोने का हक मुझे कब तक रहेगा,
एक बार मुझे ये बता दें माँ,
मेरी सोई किस्मत एक बार जगा दे माँ,
थोड़ा-थोड़ा फिर से मुस्करा दे माँ,
मेरे हाथों में स्कूल का बस्ता फिर से थमा दे माँ,
*       *         *      *         *         *
माँ स्कूल के न‌ए -न‌ए किस्से,
हर दिन मेरा घर आकर बताना,
तुम्हारी गोद में बैठकर खाना,
सब कितना प्यारा लगता था ,
स्कूल में हर रोज के ,
छोटे -मोटे झगड़े होना,
हर सुबह देर तक सोना,
सब कितना प्यारा लगता था ,
मेरा छोटी-छोटी बातों पर जिद्द करना,
तुम खुद रूठकर मुझे मना लेती थी,
कितने प्यारे पल थे वो,
माँ स्कूल में बिताया वो बचपन,
ना कोई अपना ना कोई पराया,
हर एक के साथ था,
एक अलग ही अपनापन,
मेरी फिर से नज़र उतार दे माँ,
उठाकर मिट्टी धरती माँ से,
मेरे सर से फिर से घूमादे माँ,
मेरी सोई किस्मत एक बार जगा दे माँ,
थोड़ा-थोड़ा फिर से मुस्करा दे माँ,
मुझे याद आता है वो बचपन का स्कूल जाना,
मेरे हाथों में स्कूल का बस्ता फिर से थमा दे माँ,
*       *         *          *        *       *
जब मैं स्कूल गया था पहली बार माँ,
बिन तेरे कैसे गुजरा था मेरा वक्त,
एक अलग महोल में एक-एक पल बिताना,
मेरे लिए बहुत मुश्किल था पहली बार माँ,
ये खट्ठे-मीठे अनुभव जीवन के,
बहुत कुछ सिखा देते हैं,
माँ के प्यार की कीमत क्या है ,
जीवन में हमारे ये हमें बता देते हैं,
स्कूल से सीखा है मैंने,
छोटे-बड़े की लिहाज करना,
मुझे संस्कार मिले हैं माँ तुम्हारी कोख से,
तेरा हक बनता है माँ,
मेरी कामयाबी पर नाज करना,
तुम खड़ी हो हर पल साथ मेरे,
अपने हाथों में थाम लो फिर से हाथ मेरे,
अपने प्यार वाला टीका,
फिर से मेरे गालों पर लगादे माँ,
मेरी सोई किस्मत एक बार जगा दे माँ,
थोड़ा-थोड़ा फिर से मुस्करा दे माँ,
मुझे याद आता है वो बचपन का स्कूल जाना,
मेरे हाथों में स्कूल का बस्ता फिर से थमा दे माँ,
*       *         *        *       *      *        *